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5 महीनों में 250 किसानों ने किया 2.60 करोड़ का कारोबार, उत्तराखंड के सीमांत जिलों के किसानों ने रचा इतिहास

उत्तराखंड के बॉर्डर जिलों के पशुपालकों ने आईटीबीपी के मिलकर 2.6 करोड़ रुपये का कारोबार किया है. किसानों ने आईटीबीपी को कुल 79,530 किलोग्राम नॉन वेज खाने की आपूर्ति की. जिसका सीधा फायदा पशुपालकों को मिला है.

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Shanu Sharma

Uttarakhand Farmers: उत्तराखंड के पशु पालन करने वाले किसानों ने ITBP के साथ मिलकर बड़ा व्यापार किया है. पशुपालकों ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के साथ मिलकर शानदार काम करते हुए पांच महीनों के भीतर 2.60 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है. पशुपालकों ने आईटीबीपी को मांस, मछली, भेड़ और मुर्गियों की आपूर्ति कर के मुनाफा कमाया है. 

सेना के अधिकारियों ने इस बात की पूरी जानकारी दी. उन्होने बताया कि आईटीबीपी अक्टूबर 2024 तक मटन, चिकन और मछली की आपूर्ति के लिए बड़े शहरों पर डिपेंडेंट रहती थी. लेकिन उत्तराखंड पशुपालन विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया. जिसके माध्यम से स्थानीय पशुपालकों को सीधे आईटीबीपी से जोड़ा गया.

24 घंटे के भीतर भुगतान

उत्तराखंड के पशुपालकों और सरकार की मेहनत ने रंग दिखाई है. इस योजना के माध्यम से अबतक किसानों ने आईटीबीपी को लगभग 80 हजार किलोग्राम मांस-मछली की आपूर्ति की है. जिसमें 42,748 किलोग्राम जीवित भेड़-बकरियां भी शामिल है. इस व्यापार से किसानों को ढ़ाई करोड़ रुपये से ज्यादा का  इनकम हुआ है. जिसका सीधा फायदा पशुपालकों को मिल रहा है. पशुपालन विभाग के सचिव डॉ. बीवीआरसीसी पुरुषोत्तम ने बताया कि इस योजना की मदद से किसानों को सामान की आपूर्ति के 24 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है.

पशुपालक ने बताया अपना फायदा

उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग ने 5 करोड़ रुपये के रिवॉल्विंग फंड की व्यवस्था की है. आगे की योजना के बारे में बताते हुए अधिकारी ने कहा कि आईटीबीपी को सालाना 800 मीट्रिक टन मटन, चिकन और मछली की आपूर्ति होने की उम्मीद है, जिससे किसानों को करीब 20 करोड़ रुपये का कारोबार होगा और उनकी आजीविका में बड़ा बदलाव आएगा. एक पशुपालक ने बताया कि इस योजना के माध्यम से वो हर महीने लगभग 16 क्विंटल मुर्गे का व्यापार कर रहा है. जिसमें से तीन क्विंटल वह आईटीबीपी को देता है. पशुपालकों की बढ़ती आय को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीमांत किसानों की आय बढ़ने के साथ ही गांवों से पलायन भी कम होगा और वे आईटीबीपी के साथ मिलकर देश की रक्षा पंक्ति को और भी मजबूत करने का काम करेंगे.