Jhansi Medical College Case: उत्तर प्रदेश के झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज से आई एक तस्वीर ने सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. इंसानियत को शर्मसार करती यह तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें एक 9 साल का मासूम बच्चा अपनी मां के लिए खून की बोतल थामे नजर आ रहा है, जबकि उसका लाचार पिता स्ट्रेचर खींचता हुआ एक्स-रे विभाग तक जा रहा है. दुर्भाग्यपूर्ण ये रहा कि लापरवाही की इंतहा ने महिला की जान ले ली.
सिस्टम की नाकामी, इलाज बना मजाक
बता दें कि घटना 3 मई 2025 की है. मध्य प्रदेश के छतरपुर की रहने वाली 35 वर्षीय शकुंतला नायक को आंतों में संक्रमण की गंभीर स्थिति में झांसी रेफर किया गया था. उन्हें वार्ड नंबर-2 में भर्ती किया गया, लेकिन जैसे-जैसे उनकी तबीयत बिगड़ी, डॉक्टरों ने खून चढ़ाने की सलाह दी. 8 मई को जब खून चढ़ना शुरू हुआ, उसी दौरान महिला को एक्सरे के लिए भेज दिया गया.
ना कोई वार्ड ब्वॉय, ना कोई नर्स
हैरत की बात यह रही कि न तो कोई वार्ड ब्वॉय और न ही कोई स्टाफ उनकी मदद को आगे आया. मजबूर पति ने खुद स्ट्रेचर खींचा और छोटा बेटा सौरभ खून की बोतल लेकर पीछे-पीछे चलता रहा. किसी राहगीर ने इस हृदयविदारक दृश्य को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर डाला, जिसके बाद हड़कंप मच गया.
एक्शन में आया प्रशासन, पांच कर्मचारियों पर गिरी गाज
बताते चले कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए. सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज खंगाले और पाया कि खून चढ़ाते वक्त महिला को एक्सरे के लिए भेजना मेडिकल गाइडलाइंस के खिलाफ है.
कार्रवाई के तहत -
बहरहाल, इस घटना को लेकर सीएमएस डॉ. माहुर ने कहा, ''ये एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जिम्मेदार किसी भी हाल में बख्शे नहीं जाएंगे.''