पहले खिलाए पराठे, फिर फिल्मी अंदाज में की हत्या, नोएडा पुलिस ने सुलझा ली सिर कटी लाश की गुत्थी
नोएडा में मिली सिर कटी महिला की लाश की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. आरोपी मोनू ने खुलासा किया कि ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर उसने हत्या की योजना फिल्मी अंदाज़ में बनाई.
6 नवंबर की सुबह नोएडा के एक नाले में मिली सिर कटी लाश ने पूरे इलाके को दहशत में डाल दिया. शरीर के पास न सिर था, न हाथ- जैसे किसी ने पहचान मिटाने के लिए हर निशान को खत्म कर दिया हो. पुलिस के लिए यह मामला किसी रहस्य फिल्म जैसा था, जिसमें सिर्फ एक शव था और सवालों का पहाड़. धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ील और फिर सामने आई एक रूह कंपा देने वाली प्रेम और विश्वासघात की कहानी.
मृतक की पहचान होने के बाद पुलिस की जांच मोनू नाम के बस ड्राइवर तक पहुंची. एक ऐसा शख्स जो बाहर से सामान्य दिखता था लेकिन अंदर ही अंदर एक खतरनाक योजना पनप रही थी. आरोपी और प्रीति के बीच फैक्ट्री में काम करते-करते रिश्ता बना, जो बाद में विवाद, ब्लैकमेलिंग और अविश्वास में बदल गया. और इसी टूटे हुए रिश्ते ने जन्म दिया एक क्रूर हत्या को, जो फिल्मी अंदाज से भी ज्यादा डरावनी थी.
1100 वाहनों की जांच
हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने करीब 1100 वाहनों की जांच की, 70 हजार मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया और कई CCTV फुटेज खंगाले, जिसके बाद यह सनसनीखेज मामला उजागर हुआ.
नाले में मिली सिर कटी लाश से शुरू हुई जांच
शुरुआत में पुलिस के पास कोई पहचान नहीं थी. शरीर को बुरी तरह काटा गया था. जिस तरह से गर्दन और हाथ अलग किए गए थे, उससे साफ था कि हत्यारा पहचान मिटाना चाहता था.
पहचान ने बदला केस का रुख
लाश सामने आते ही पुलिस लगातार मामले की तहकीकात में लग गई थी. जांच और तकनीकी सर्विलांस के बाद शव की पहचान प्रीति यादव के रूप में हुई.
आरोपी मोनू की डबल लाइफ
मोनू सोलंकी बाहर से एक सामान्य बस ड्राइवर था, लेकिन उसके भीतर प्रीति के साथ एक छिपा रिश्ता चल रहा था. दोनों जीन्स फैक्ट्री में काम करते थे और फिजिकल रिलेशन में थे, जिससे बाद में तनाव पैदा हुआ.
ब्लैकमेलिंग बनी हत्या की वजह
मोनू ने बताया कि प्रीति उससे कमाई के सभी पैसे लेती थी और लगातार रिश्ते का फायदा उठाकर उसे ब्लैकमेल कर रही थी. इसी डर और दबाव में उसने हत्या की योजना बनाई.
पराठों से लेकर गंडासे तक-जुर्म का फिल्मी प्लान
घटना वाले दिन मोनू प्रीति को अपनी बस में ले गया, उसे पराठे खिलाए ताकि वह सहज महसूस करे. फिर पहचान छुपाने के लिए गंडासे से हमला किया. उसकी गर्दन व हाथ काटकर फेंक दिए, ताकि कोई पहचान न सके.