सड़कों पर नमाज पढ़ने वालों का पासपोर्ट और DL होगा रद्द, मेरठ पुलिस के सख्त आदेश

Meerut Police Namaz: मेरठ पुलिस ने इस साल शहर की सड़कों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी.

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Princy Sharma

Ramadan 2025: उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन ने ईद-उल-फितर के दौरान सामूहिक नमाज को लेकर सख्त रुख अपनाया है. मेरठ पुलिस ने साफ कर दिया है कि इस साल शहर की सड़कों पर नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी. अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ता हुआ पाया गया तो उसके खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और उसका पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है.

मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम ने कहा कि धार्मिक नेताओं और इमामों से अपील की गई है कि वे लोगों से मस्जिदों में ही नमाज अदा करने का आग्रह करें. उन्होंने चेतावनी दी कि इस निर्देश का उल्लंघन करने पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पिछले साल इसी तरह के उल्लंघन के चलते 200 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए थे और 80 से ज्यादा लोगों की पहचान की गई थी. 

अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई

इस साल पुलिस संभावित अपराधियों पर कड़ी निगरानी रख रही है. अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए संवेदनशील इलाकों की निगरानी की जाएगी. पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखेगी और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस किया जाएगा रद्द

पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति का पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. इसके अलावा, नया पासपोर्ट बनवाने के लिए कोर्ट से NOC लेना होगा. एसपी सिटी आयुष विक्रम ने बताया कि पिछले साल ईद के दौरान कुछ लोगों ने नियमों का उल्लंघन किया था, जिसके चलते उन पर कानूनी कार्रवाई की गई थी.

हाई अलर्ट पर है प्रशासन

पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रशासन अब हाई अलर्ट पर है और कानून तोड़ने वालों को नहीं बख्शेगा. किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे. पुलिस की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने सोशल मीडिया पर अपनी असहमति जताई. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'पुलिस 1984 की तरह काम कर रही है!'

अपने ट्वीट के बारे में मंत्री ने कहा, 'मेरा मानना ​​है कि पुलिस को यह नहीं कहना चाहिए कि वे पासपोर्ट जब्त कर लेंगे. प्रशासन सड़कों को साफ रखने के नियम को लागू कर सकता है, लेकिन उन्हें अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के साथ संवेदनशील बातचीत करनी चाहिए.'