'कुछ नहीं चाहिए बस...', पहलगाम हमले में मारे गए पति के लिए पत्नी ने मांगा 'शहीद' का दर्जा
Pahalgam Attack: पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के बिजनेममैन शुभम द्विवेदी की पत्नी ने उनके लिए शहीद का दर्जा मांगे जाने की मांग की है. उनका कहना है कि उन्होंने खुद को हिंदू बताकर दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
Pahalgam Terrorist Attack: हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के बिजनेमैन शुभम द्विवेदी की पत्नी ने सरकार से गुजारिश की है. शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा कि दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए.
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए आशान्या ने कहा, 'उन्होंने खुद को हिंदू बताकर गर्व के साथ अपनी जान कुर्बान की और कई लोगों की जान बचाई.' हमले से पहले के पलों को याद करते हुए आशान्या ने कहा, 'पहली गोली मेरे पति को लगी. आतंकी पूछ रहे थे कि हम हिंदू हैं या मुसलमान. इस देरी की वजह से कई लोग भागकर अपनी जान बचाने में सफल रहे.'
'मैं सरकार से और कुछ नहीं...'
दर्दनाक और खौफनाक पल को याद करते समय आशान्या के आंखों में आंसू आने लगे. आंसू को रोकते हुए उन्होंने कहा, 'मैं सरकार से और कुछ नहीं चाहती, सिवाय इसके कि शुभम को शहीद का दर्जा दिया जाए. अगर सरकार मेरी इच्छा मान ले, तो मेरे पास जीने का एक कारण होगा.'
आशान्या ने खौफनाक पलों को किया याद
आशान्या ने हमलावरों पर भी गुस्सा जताया और कहा, 'जो कोई भी किसी का धर्म पूछकर गोली चलाता है, उसे खत्म कर देना चाहिए.' वह आगे कहती हैं, जैसे ही वे पास आए, उनमें से एक ने पूछा कि हम हिंदू हैं या मुसलमान. मुझे लगा कि वे मजाक कर रहे हैं. मैं पीछे मुड़ी, हंसी और पूछा कि क्या हो रहा है. लेकिन फिर उन्होंने वही सवाल दोहराया. जैसे ही मैंने जवाब दिया कि हम हिंदू हैं, गोली चल गई और मेरे लिए सब कुछ खत्म हो गया. शुभम का चेहरा खून से लथपथ था. मैं समझ नहीं पाई कि क्या हुआ था.'
दो महीने पहले हुई थी शादी
जब आशान्या ने आतंकवादियों से उसे गोली मारने के लिए कहा तो मना कर दिया. शुभम की पति ने कहा कि वे मुझे इसलिए जीने दे रहे हैं ताकि मैं जाकर सरकार को बता सकूं कि उन्होंने क्या किया. शुभम और आशान्या की शादी दो महीने पहले 12 फरवरी को हुई थी. शुभम, उन 26 लोगों में शामिल थे जो 22 अप्रैल को पहलगाम के पास बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले में मारे गए थे.