यूपी में जल संकट से निपटने की तैयारी, सीएम योगी ने जल संचयन को किया जन आंदोलन बनाने का आह्वान
बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों से एक पेड़ मां के नाम अभियान की तर्ज पर चेकडैम और तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार को एक जन आंदोलन बनाने का निर्देश दिया.
Water Crisis In UP: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में चेकडैम निर्माण की कार्ययोजना की समीक्षा की. सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में जल संकट से निपटने के लिए चेकडैम और तालाबों के निर्माण पर जन आंदोलन का आह्वान किया.
चेकडैम और तालाबों के जीर्णोद्धार
बढ़ते जल संकट पर चिंता व्यक्त करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अधिकारियों से एक पेड़ मां के नाम अभियान की तर्ज पर चेकडैम और तालाबों के निर्माण और जीर्णोद्धार को एक जन आंदोलन बनाने का निर्देश दिया.
नमामि गंगे और ग्रामीण जल आपूर्ति (लघु सिंचाई) विभाग की बैठक को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस तरह के ढांचे राष्ट्र की जरूरत हैं, जो बड़े बांधों की तुलना में लागत प्रभावी जल संरक्षण और भूजल पुनर्भरण प्रदान करती हैं.
सीएम ने कहा कि मौसमी नदियों और नालों पर 6,448 चेक डैम बनाए गए हैं जिससे 1.28 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता सृजित हुई है और प्रतिवर्ष 10,000 हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल रिचार्ज हो रहा है.
सीएम ने बताया कि 2022-23 तक 1,002 चेकडैमों से गाद निकाली जा चुकी है जबकि 16,610 में से 1343 तालाबों का पुनर्विकास किया जा चुका है. 2017 से 2025 के बीच 6,192 ब्लास्ट कूपों का निर्माण किया गया जिससे 18,576 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हो सकी.
कुम्हारों को मुफ्त मिट्टी की अनुमति
सीएम ने निर्देश दिया कि कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून के बीच तालाबों से मुफ्त मिट्टी एकत्र करने की अनुमति दी जाए ताकि मानसून से पहले उन्हें रिचार्ज के लिए तैयार किया जा सके और बारिश के बाद तालाबों का उपयोग मछली पालन और सिंघाड़े की खेती के लिए किया जाना चाहिए ताकि रोजगार पैदा हो सके.
सीएम ने जल संचयन पर जोर देते हुए कहा कि राज्य भर में 100 वर्ग मीटर से बड़ी सभी इमारतों के लिए इसे अनिवार्य किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कदम शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए निर्णायक साबित होगा.
सीएम ने बताया कि 2017 तक राज्य में 82 अति दोहित और 47 संकटग्रस्त भूजल क्षेत्र थे, निरंतर प्रयासों के कारण 2024 में इनकी संख्या घटकर 50 और 45 रह गई है जो एक संतोषजनक उपलब्धि है. उन्होंने बाकी बचे क्षेत्रों को भी सामान्य रूप में लाने का आग्रह किया. सीएम ने कहा कि जल संकट को दूर करके राज्य की कृषि, मत्स्य पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सकती है.
प्रत्येक जिले के तालाबों के फोटोग्राफिक दस्तावेज सौंपें
सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक जिले के सभी तालाबों, ब्लास्ट कूपों और चेक डेमों का फोटोग्राफिक डॉक्यूमेंटेशन सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सोशल मीडिया और स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए. उन्होंने कहा कि सक्रिय जनभागीदारी से उत्तर प्रदेश जल संरक्षण में देश के लिए एक सफल उदाहरण स्थापित करेगा.