पंजाब बागबानी में देश का सिरमौर, 'अपणा पिंड-अपणा बाग' से किसानों की आय में भारी इजाफा
अमृतसर में नाख, पठानकोट में लीची और पटियाला में अमरूद एस्टेट स्थापित हो चुकी हैं. बाढ़ प्रभावित सब्जी किसानों को लागत का 40% सब्सिडी दी जा रही है.
चंडीगढ़: 2025 में बागबानी क्षेत्र ने छुई नई ऊंचाइयां, फसली विविधता से किसान हो रहे समृद्धचंडीगढ़, 26 दिसंबर 2025: पंजाब की भगवंत मान सरकार बागबानी को बढ़ावा देकर किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है.
बागबानी मंत्री मोहिंदर भगत की अगुवाई में विभाग ने इस साल कई बड़े कदम उठाए हैं, जिससे पंजाब कृषि अवसंरचना मजबूत करने में पूरे देश में अव्वल बना हुआ है. किसानों को पारंपरिक गेहूं-धान की खेती से हटकर फल, सब्जियां, फूल और अन्य उच्च मूल्य वाली फसलों की ओर मोड़ा जा रहा है.
मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि केंद्रीय एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (AIF) योजना को पंजाब में सबसे प्रभावी ढंग से लागू किया गया है. बागबानी विभाग नोडल एजेंसी के रूप में काम कर रहा है और अब तक 30,000 से ज्यादा कृषि परियोजनाओं के लिए 7100 करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत हो चुके हैं.
इससे गोदाम, कोल्ड स्टोरेज और पोस्ट-हार्वेस्ट सुविधाओं में बड़ा सुधार आया है.बागबानी क्षेत्र का विस्तार भी सराहनीय रहा है. पहले 4.81 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब यह क्षेत्र 5.21 लाख हेक्टेयर हो गया है. किसान अब ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस और आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं.
सरकार की महत्वाकांक्षी 'अपणा पिंड-अपणा बाग' योजना ने गांवों की सूरत बदल दी है. इस अभियान के तहत पंचायती जमीनों पर फलदार पेड़ लगाए जा रहे हैं. बागों से मिलने वाली कमाई गांव के विकास कार्यों जैसे सड़क, स्कूल और अन्य सुविधाओं पर खर्च होगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिल रहा है.लुधियाना के लाढोवाल में बन रहा अत्याधुनिक बागबानी विकास केंद्र किसानों के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन बनेगा. यहां उन्हें नई तकनीकें, बीज और मार्गदर्शन मिलेगा.
अन्य प्रमुख योजनाओं में शामिल हैं:नेशनल हॉर्टीकल्चर मिशन के तहत नए बाग, सब्जी-फूल खेती, मशरूम और मधुमक्खी पालन के लिए 1575 लाख रुपये की सहायता.
फूलों की खेती पर 14,000 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी, इस साल 17.40 लाख रुपये वितरित.
पोस्ट-हार्वेस्ट के लिए क्रेट-बॉक्स पर 50% सब्सिडी (23.26 लाख रुपये).
पानी-बिजली बचत योजना में ड्रिप पर 10,000 रुपये प्रति एकड़ (47.56 लाख रुपये).
पॉलीहाउस कवर बदलने पर 50% मदद (140.51 लाख रुपये).
मशरूम यूनिट के लिए 80,000 रुपये सब्सिडी (54.66 लाख रुपये).
इसके अलावा, संगरूर में इंडो-डच प्रोजेक्ट के तहत प्याज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन रहा है. अमृतसर में नाख, पठानकोट में लीची और पटियाला में अमरूद एस्टेट स्थापित हो चुकी हैं. बाढ़ प्रभावित सब्जी किसानों को लागत का 40% सब्सिडी दी जा रही है.बागबानी मंत्री ने कहा, "ये सभी प्रयास किसानों को आत्मनिर्भर और खुशहाल बनाने के लिए हैं. पंजाब बागबानी में न केवल अव्वल है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए मिसाल भी बन रहा है."