Punjab soldier: तिरंगे में लिपटकर सिपाही हरमिंदर सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा पैतृक गांव, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के 27 साल के सिपाही हरमिंदर सिंह, अब तिरंगे में लिपटकर अपने घर लौटे. 19 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात हरमिंदर ने 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 'ऑपरेशन अकाल' के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवा दी.
Kashmir operations: पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के बदिनपुर गांव में सन्नाटा पसरा है. गांव का गौरव, 27 साल का सिपाही हरमिंदर सिंह, अब तिरंगे में लिपटकर अपने घर लौटे हैं. 19 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात हरमिंदर ने 8 अगस्त को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 'ऑपरेशन अकाल' के दौरान आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवा दी. आतंकियों की भीषण गोलीबारी और ग्रेनेड हमले में वे शहीद हो गए थे. दिसंबर 2016 में सेना में भर्ती हुए हरमिंदर अपने परिवार और गांव के लिए प्रेरणा थे.
हरमिंदर की मां गुरप्रीत कौर का रो-रोकर बुरा हाल है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा, “हरमिंदर ने अपने घर का रिनोवेशन कराने के बारे में सोचा था और हम उस पर शादी करने का भी दबाव डाल रहे थे... उसने मुझसे कहा था कि जब भी वह छुट्टियों में आएगा, वह शादी के बारे में जरूर सोचेगा... लेकिन कौन जानता था कि वह तिरंगे में लिपटा हुआ आएगा.”
कुलगाम में जारी है ऑपरेशन अकाल
कुलगाम में 1 अगस्त से ऑपरेशन अकाल चल रहा है, जिसमें सेना आतंकवादियों के खिलाफ कड़ा अभियान चला रही है. हरमिंदर जैसे वीर सैनिकों की शहादत देश के लिए प्रेरणा है.