पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पर्यावरण संरक्षण को शासन का मूल मिशन बना दिया है. पिछले दो वर्षों में हरियाली के क्षेत्र में ऐतिहासिक सफलता हासिल करते हुए 2023-24 में रिकॉर्ड 1.2 करोड़ पौधे लगाए गए, जबकि 2024-25 के लिए 3 करोड़ पौधों का लक्ष्य रखा गया है.
यह अभियान अब जन आंदोलन बन चुका है – गांवों से लेकर शहरों, स्कूलों से धार्मिक स्थलों तक, हर जगह “हर घर बागीचा” की भावना साकार हो रही है.कांग्रेस-अकाली की नाकामी: 22 साल में 1.13% वन क्षेत्र गंवायाकेंद्र सरकार की फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट के अनुसार: 2001 में पंजाब का वन क्षेत्र: 4.80%
2023 में: मात्र 3.67%
यानी 22 वर्षों में 1.13% वन क्षेत्र और 0.28% पेड़ कवर खोया.
अकाली दल ने 2012 में 40 करोड़ पौधे लगाने का दावा किया, ₹1900 करोड़ खर्च का वादा किया – लेकिन केवल 5 करोड़ पौधे लगे, जिनमें से मात्र 25-30% ही जीवित रहे.
2010-2020 के बीच 8-9 लाख पेड़ काटे गए – 2013-14: 2 लाख
2014-15: 2.12 लाख
2010-11: 1.50 लाख
कांग्रेस शासन में तो वन मंत्री साधू सिंह धरमसोत वन घोटाले में गिरफ्तार हुए – हर “खैर” पेड़ की कटाई पर ₹500 रिश्वत, अधिकारियों के तबादले पर ₹10-20 लाख वसूली. हरियाली को भ्रष्टाचार का शिकार बनाया गया.
ट्री प्रिज़र्वेशन पॉलिसी 2024गैर-वन व सरकारी भूमि पर पेड़ों को कानूनी अधिकार
बिना अनुमति पेड़ कटाई पर पूर्ण प्रतिबंध
हर विकास परियोजना में कंपेंसेटरी अफॉरेस्टेशन अनिवार्य
2023-24 में 940.384 हेक्टेयर पर पौधारोपण
परिणाम: भारत सरकार की रिपोर्ट 2023 के अनुसार, पंजाब में ट्री कवर में 177.22 वर्ग किमी की वृद्धि – पिछले 15 वर्षों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी.
105 नानक बागीचियाँ स्थापित ,268 पवित्र वन विकसित
“पंजाब हरियावली लहर” के तहत 3.95 लाख ट्यूबवेलों के पास 28.99 लाख पौधे
गुरबाणी से प्रेरणा: “पवन गुरु, पानी पिता, माता धरत महत”
2030 तक पंजाब का वन क्षेत्र 7.5%
अवधि: 2025-26 से 5 वर्ष
लाभ: हरियाली + हजारों युवाओं को रोजगार