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पंजाब में 35 साल बाद भगवंत मान सरकार ने जालंधर नगर निगम को दी 1196 सफाईकर्मियों की सौगात

जालंधर नगर निगम में आखिरी बार बड़े पैमाने पर सफाईकर्मियों की भर्ती 1990 के दशक में हुई थी. उसके बाद से लगातार कर्मचारियों की कमी के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चरमराती रही थी.

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Hemraj Singh Chauhan

चंडीगढ़: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने एक ऐतिहासिक और जनहितैषी फैसला लेते हुए जालंधर नगर निगम में 35 साल बाद 1196 नए सफाईकर्मियों (सफाई सेवक) की भर्ती को हरी झंडी दिखा दी है. यह मंजूरी दशकों से लंबित पड़ी मांग को पूरा करते हुए शहर की सफाई व्यवस्था को पूरी तरह से नया रूप देने वाली है.

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की संवेदनशील सोच और त्वरित निर्णय की वजह से यह संभव हो सका. सरकार का कहना है कि अब जालंधर के हर वार्ड, हर गली-मोहल्ले में नियमित और प्रभावी सफाई होगी, कचरा प्रबंधन दुरुस्त होगा और शहर की सूरत बदलेगी.

35 साल बाद मिली मंजूरी, स्थानीय युवाओं के लिए रोज़गार का बड़ा अवसर

जालंधर नगर निगम में आखिरी बार बड़े पैमाने पर सफाईकर्मियों की भर्ती 1990 के दशक में हुई थी. उसके बाद से लगातार कर्मचारियों की कमी के कारण शहर की सफाई व्यवस्था चरमराती रही थी. अब 1196 नए पदों पर भर्ती से न केवल स्वच्छता व्यवस्था मज़बूत होगी, बल्कि सैकड़ों बेरोज़गार युवाओं को स्थायी सरकारी नौकरी भी मिलेगी.

स्थानीय लोगों ने इस फैसले का जोरदार स्वागत किया है. सोशल मीडिया पर #JalandharSwachh बनेगा ट्रेंड करते हुए लोगों ने लिखा, “भगवंत मान सरकार सच में आम आदमी की सुन रही है. 35 साल बाद जालंधर को न्याय मिला.”

स्वच्छ भारत मिशन को मिलेगा बल, बीमारियां होंगी कम

विशेषज्ञों का कहना है कि सफाईकर्मियों की कमी के कारण जालंधर में कई इलाकों में कचरा जमा रहता था, जिससे डें डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलने का खतरा बना रहता था. अब नियमित सफाई से न केवल शहर सुंदर बनेगा, बल्कि लोगों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा.

आप सरकार की जन-केंद्रित नीति का एक और प्रमाण

आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार सत्ता में आने के बाद से लगातार जनता से किए वादे पूरे कर रही है. चाहे बिजली के बिल जीरो करना हो, मोहल्ला क्लीनिक खोलना हो या अब जालंधर को 1196 सफाई कर्मचारी देना हो – हर कदम जनता की मूलभूत ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में है.जालंधर के मेयर और नगर निगम अधिकारियों ने भी मुख्यमंत्री भगवंत मान और स्थानीय कैबिनेट मंत्री ब्रह्म शंकर जिंपा को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह फैसला शहर के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय लिखेगा.