'विपक्ष जैसा आचरण न करें...', मंत्री प्रतिमा बागरी को सीएम मोहन ने लगाई फटकार; वायरल वीडियो बना वजह

राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी को अपनी सरकार के काम पर सवाल उठाने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने फटकार लगाई. सड़क की गुणवत्ता को लेकर दिया गया बयान पहले से हुई विभागीय कार्रवाई के बावजूद दिया गया था.

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Km Jaya

भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कड़ी फटकार लगाई. यह फटकार अपनी ही सरकार के काम पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाने को लेकर दी गई. कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने प्रतिमा बागरी को अपने कक्ष में बुलाकर उनसे सीधे सवाल जवाब किए.

मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि मंत्री पद पर रहते हुए विपक्ष जैसा आचरण स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के भीतर यदि कोई आपत्ति है तो उसे विभागीय स्तर पर रखा जाना चाहिए. सार्वजनिक मंच या सोशल मीडिया पर ऐसे बयान सरकार की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं.

देखें वायरल वीडियो

क्या है पूरा मामला?

प्रतिमा बागरी प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री हैं. दो दिन पहले उन्होंने सतना जिले के पोड़ी मनकहरी मार्ग का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान उन्होंने पैर से सड़क की गिट्टी और डामर हटाकर काम को घटिया बताया. उन्होंने मौके पर ठेका निरस्त करने और अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए.

वीडियो सामने आने के बाद क्या हुआ?

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. उसके बाद विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री इस वायरल वीडियो से नाराज थे. उन्होंने पहले ही संबंधित सड़क निर्माण से जुड़ी पूरी रिपोर्ट मंगवा ली थी. इसके बाद कैबिनेट बैठक समाप्त होते ही प्रतिमा बागरी को बुलाया गया.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने क्या बताया?

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिस सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे, उस पर विभाग पहले ही कार्रवाई कर चुका है. उन्होंने कहा कि मंत्री होते हुए इस तरह का सार्वजनिक विरोध अनुशासनहीनता है. मुख्यमंत्री की फटकार के बाद प्रतिमा बागरी कुछ समय तक सचिव आलोक सिंह के पास बैठी रहीं. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार 15 दिसंबर 2025 को ही गुणवत्ता की जांच कर ली गई थी.

लोक निर्माण विभाग के उपसंभाग मझगवां के अनुविभागीय अधिकारी ने स्थल निरीक्षण किया था. इस निरीक्षण में किमी 3/10 से 3/40 तक का कार्य अमानक पाया गया. इसके बाद उस हिस्से के काम को अमान्य घोषित कर दिया गया. ठेकेदार को निर्देश दिए गए कि वह मानक स्तर के अनुसार दोबारा निर्माण कराए. 19 दिसंबर को कार्यपालन यंत्री ने भी इस कार्य को आधिकारिक रूप से निरस्त कर दिया.