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Dharmasthala Mass Grave Case: धर्मस्थल सामूहिक दफन मामले में नया मोड़, SIT को मिली 7 खोपड़ियां

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंगलगुड्डा इलाके में धर्मस्थला सामूहिक दफन मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल को एक बड़ा सुराग मिला है. जंगल के घने इलाके से कम से कम सात खोपड़ियां बरामद हुई हैं, जो ज्यादातर मध्यम आयु के पुरुषों की लगती हैं. जांचकर्ताओं के अनुसार ये खोपड़ियां करीब एक साल पुरानी हो सकती हैं और फोरेंसिक परीक्षण से और स्पष्टता मिलेगी.

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Edited By: Antima Pal
SIT Probing The Alleged Dharmasthala
Courtesy: social media

Dharmasthala Mass Grave Case: कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के बंगलगुड्डा इलाके में धर्मस्थला सामूहिक दफन मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल को एक बड़ा सुराग मिला है. जंगल के घने इलाके से कम से कम सात खोपड़ियां बरामद हुई हैं, जो ज्यादातर मध्यम आयु के पुरुषों की लगती हैं. जांचकर्ताओं के अनुसार ये खोपड़ियां करीब एक साल पुरानी हो सकती हैं और फोरेंसिक परीक्षण से और स्पष्टता मिलेगी. एक अधिकारी ने बताया कि ये आत्महत्या के मामले हो सकते हैं, क्योंकि साइट पर कपड़े लटके मिले और अवशेष सतह पर ही पाए गए.

SIT के सूत्रों ने बताया कि बुधवार को पांच खोपड़ियां मिलीं, जबकि गुरुवार को दो और बरामद की गईं. एंटी-नक्सल फोर्स के जवान, पुलिसकर्मी और वन अधिकारियों की संयुक्त टीम ने लगभग 12 एकड़ जंगल क्षेत्र की कंघी की. यह इलाका पहाड़ी और घना जंगल वाला है, जहां दफन सामान्य नहीं होता. टीम ने सावधानी से खुदाई की और सभी नमूने फोरेंसिक लैब भेज दिए हैं. डीएनए विश्लेषण से उम्र, लिंग और मौत का कारण पता चलेगा.

धर्मस्थल सामूहिक दफन मामले में नया मोड़

यह मामला जुलाई 2025 में तब सुर्खियों में आया जब एक पूर्व सफाई कर्मचारी ने दावा किया कि 1995 से 2014 तक उसे मंदिर प्रबंधन के डर से सैकड़ों शवों को दफनाने के लिए मजबूर किया गया। उसने बलात्कार और हत्या के शिकार महिलाओं व लड़कियों के शवों का जिक्र किया। SIT ने तब से कई स्थलों पर खुदाई की, जहां कुछ हड्डियां और खोपड़ी के टुकड़े मिले, लेकिन कोई बड़ा सबूत नहीं। अगस्त में शिकायतकर्ता सीएन चिन्नय्या को झूठे शपथ-पत्र के आरोप में गिरफ्तार किया गया. वह न्यायिक हिरासत में है. गुरुवार को बेलथंगड़ी अदालत में उसका बयान दर्ज कराया गया. अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी.

SIT को मिली 7 खोपड़ियां

इधर, कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि धर्मस्थला में कथित शव दफन के बारे में कोई स्वतंत्र जानकारी रिकॉर्ड पर रखें. जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने सुनवाई 26 सितंबर तक टाल दी. कोर्ट ने कहा कि बिना ठोस सबूत के जांच प्रभावित न हो. धर्मस्थला, नेत्रावती नदी किनारे बसा 800 साल पुराना तीर्थस्थल है, जहां रोज हजारों यात्री आते हैं. 1980 के दशक से यहां यौन हिंसा, हत्या और दफन के आरोप लगते रहे हैं. पूर्व में सीबीआई जांच हुई, लेकिन सबूत न मिलने से आरोपी बरी हो गए. अब SIT अन्य राज्यों के लापता तीर्थयात्रियों के मामलों की भी पड़ताल करेगी.

स्थानीय लोग परेशान हैं. एक निवासी ने कहा, 'ये अफवाहें मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा रही हैं. लेकिन सच्चाई सामने आनी चाहिए.' विशेषज्ञों का मानना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट से मामले की दिशा साफ होगी. SIT ने कहा कि जांच जारी रहेगी.