Karnataka monsoon: कर्नाटक में बारिश बनी आफत, बेंगलुरु में 878 सड़कें क्षतिग्रस्त, 1100 से ज्यादा परिवारों का उजाड़ा आशियाना

कर्नाटक विधानसभा के जारी मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने विस्तृत आंकड़े पेश करते हुए बताया कि इस साल बारिश से 878 सड़कें और 1,114 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. पेड़ गिरने से तीन लोगों की मौत और सात लोग घायल हुए. नगर निगम ने 218 संवेदनशील स्थानों में से 169 पर सुधार कार्य पूरा किया है और बाकी पर काम जारी है.

Social Media
Km Jaya

Karnataka monsoon: कर्नाटक में इस साल हुई भारी बारिश ने बेंगलुरु शहर में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है. कर्नाटक विधानसभा के जारी मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने विस्तृत आंकड़े पेश करते हुए बताया कि अब तक शहर की 878 सड़कें, जिनकी कुल लंबाई 343 किलोमीटर है, बारिश से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं. इन सड़कों की हालत खराब होने से यातायात और स्थानीय लोगों की आवाजाही में गंभीर दिक्कतें आ रही हैं.

शिवकुमार ने जानकारी दी कि बारिश और आंधी-तूफान के कारण बेंगलुरु में 1,114 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. इनमें से कई घर आंशिक रूप से और कई पूरी तरह से नुकसान झेल चुके हैं, जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस दौरान पेड़ गिरने की घटनाओं में तीन लोगों की मौत हुई है, जबकि सात अन्य लोग घायल हुए हैं. ये हादसे मुख्य रूप से तेज हवाओं और लगातार हो रही बारिश के चलते हुए.

अति संवेदनशील स्थानों की पहचान 

उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नगर निगम ने बारिश से पहले ही शहर में 218 संवेदनशील और अति संवेदनशील स्थानों की पहचान की थी. इनमें से 169 स्थानों पर सुधार और मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया है, जबकि शेष स्थानों पर काम जारी है. इन संवेदनशील स्थानों में पानी भरने वाले इलाकों, पुराने पेड़ों वाले क्षेत्र और खराब जल निकासी व्यवस्था वाले स्थान शामिल हैं.

आवासीय इलाकों की हालत बिगड़ 

शिवकुमार ने मल्लेश्वरम के विधायक सी.एन. अश्वथनारायण के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि लगातार हो रही बारिश से शहर की सड़कों और आवासीय इलाकों की हालत बिगड़ रही है. कई क्षेत्रों में गड्ढे और जलभराव की समस्या बढ़ गई है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

राहत और मरम्मत कार्य 

उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की टीमें लगातार राहत और मरम्मत कार्य में जुटी हुई हैं. पेड़ गिरने से बाधित सड़कों को साफ किया जा रहा है और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत शुरू कर दी गई है. साथ ही, बारिश के दौरान पानी भरने से रोकने के लिए नालों और जल निकासी व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है.

स्थायी समाधान की आवश्यकता

शिवकुमार ने यह भी कहा कि बारिश से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता है. सरकार और नगर निगम मिलकर ऐसी योजना तैयार कर रहे हैं जिससे भविष्य में इस तरह की स्थिति से बचा जा सके. उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही बाकी बचे संवेदनशील स्थानों पर भी आवश्यक कार्य पूरे कर लिए जाएंगे.