'किसी का समर्थन नहीं चाहिए...,' CM पद की खींचतान के बीच डीके शिवकुमार का विधायकों को बड़ा निर्देश
डीके शिवकुमार का स्पष्टीकरण कर्नाटक कांग्रेस नेतृत्व में सत्ता संघर्ष की अटकलों के बीच आया है. 2023 में राज्य में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस के भीतर सत्ता को लेकर आंतरिक दरार बार-बार उभरी है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को सिरे से खारिज करते हुए कांग्रेस विधायकों को स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने मंगलवार (1 जुलाई) को मीडिया से कहा, “मैं किसी भी विधायक की सिफारिश नहीं चाहता... मेरा कर्तव्य है कि मैं पार्टी के अनुशासन को और मजबूत करूं.” शिवकुमार ने कांग्रेस नेताओं से 2028 के विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बयान कर्नाटक कांग्रेस में सत्ता को लेकर चल रही कथित खींचतान के बीच आया है, जो 2023 में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से बार-बार उभर कर सामने आया है. नेतृत्व परिवर्तन की अटकलेंहाल ही में कांग्रेस विधायक एचए इकबाल हुसैन के एक बड़े दावे ने चर्चा को हवा दी. उन्होंने कहा था कि डीके शिवकुमार को अगले दो-तीन महीनों में मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिल सकता है.
नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
हालांकि, शिवकुमार ने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा, “जो लोग ज्यादा बोल रहे हैं, उनके खिलाफ कांग्रेस हाईकमान निश्चित रूप से कार्रवाई करेगा।” उन्होंने आगे कहा, “मैं नहीं चाहता कि कोई मेरा समर्थन करे या मेरे लिए चिल्लाए, हम चर्चा करके समस्याओं का समाधान करेंगे.
विधायकों का एक वर्ग चाहता है बदलाव
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 100 से अधिक कांग्रेस विधायक नेतृत्व में बदलाव के पक्ष में हैं. इकबाल हुसैन ने कहा, “100 से अधिक विधायक बदलाव के पक्ष में हैं.” हालांकि, शिवकुमार ने इस तरह के समर्थन को नकारते हुए कहा कि उन्हें किसी के समर्थन की जरूरत नहीं है. इकबाल ने फिर भी अपनी राय दोहराई और कहा कि वह उपमुख्यमंत्री को मनाने की कोशिश करेंगे.
आंतरिक मतभेद फिर उजागर
2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला देखा गया था. अंततः सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बने, और शिवकुमार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया. तब से नेतृत्व को लेकर मतभेद समय-समय पर सामने आते रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस मुद्दे पर स्पष्ट किया कि अंतिम निर्णय पार्टी हाईकमान का होगा. इकबाल हुसैन, जो शिवकुमार के वफादार माने जाते हैं, उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और विधायकों को “जमीनी हकीकत” पर बोलना चाहिए.
हाईकमान का रुख स्पष्ट
एआईसीसी महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को खारिज किया. उन्होंने कहा कि उनकी विधायकों के साथ चर्चा नेतृत्व परिवर्तन पर राय लेने के लिए नहीं, बल्कि अन्य मुद्दों पर थी.