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Property Registration Fee: सरकार ने दोगुनी की प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन फीस, 31 अगस्त से बढ़े हुए शुल्क होंगे लागू

कर्नाटक सरकार ने अचल संपत्तियों के पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो 31 अगस्त 2025 से लागू होगी. इस नए नियम के तहत, पंजीकरण शुल्क को संपत्ति के मूल्य के 1% से बढ़ाकर 2% कर दिया गया है.

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Edited By: Garima Singh
Property Registration Fee
Courtesy: X

Property Registration Fee: कर्नाटक सरकार ने अचल संपत्तियों के पंजीकरण शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की है, जो 31 अगस्त 2025 से लागू होगी. इस नए नियम के तहत, पंजीकरण शुल्क को संपत्ति के मूल्य के 1% से बढ़ाकर 2% कर दिया गया है. यह निर्णय राज्य के राजस्व को मजबूत करने और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने के उद्देश्य से लिया गया है. आइए, इस बदलाव के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभाव को विस्तार से समझते हैं.

Property Registration Fee: कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर रजिस्ट्री फीस में संशोधन की घोषणा की. स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग के मुताबिक, "कर्नाटक में अचल संपत्ति के लेन-देन पर स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण शुल्क अपने पड़ोसी राज्यों और अन्य राज्यों की तुलना में सबसे कम है. सरकार ने 31 अगस्त 2025 से पंजीकरण शुल्क को 1% से बढ़ाकर 2% कर दिया है."

कर्नाटक में रजिस्ट्रेशन फीस सबसे कम 

इस बदलाव के साथ, संपत्ति पंजीकरण की कुल लागत अब 7.5% तक पहुंच जाएगी, जिसमें 5% स्टाम्प शुल्क और 0.6-0.65% अन्य उपकर शामिल हैं. यह लागत अभी भी केरल (10%) और तमिलनाडु (9%) की तुलना में कम है, जबकि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश (7.5%) के बराबर है. सरकार का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने और बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए जरूरी था.

राजस्व में कमी को पूरा करने की कोशिश

कर्नाटक सरकार को हाल के वर्षों में स्टाम्प शुल्क और पंजीकरण राजस्व में कमी का सामना करना पड़ा है. वित्त वर्ष 2024-25 में ₹26,000 करोड़ के लक्ष्य के मुकाबले केवल ₹22,500 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ. चालू वित्त वर्ष में ₹28,000 करोड़ के लक्ष्य के बावजूद, पहली तिमाही में 35% की कमी दर्ज की गई. इस कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने पंजीकरण शुल्क में वृद्धि का फैसला लिया है, जिसे राजस्व का एक प्रमुख स्रोत माना जाता है.

विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया

इस फैसले की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आलोचना की है. विपक्ष के नेता आर. अशोक ने इसे जनता पर अतिरिक्त बोझ बताया. उन्होंने कहा, "पानी, दूध, बिजली, पेट्रोल, डीज़ल, बस किराया, मेट्रो किराया, संपत्ति कर और हर ज़रूरी सेवा की कीमतें बढ़ाने के बाद, अब उन्होंने पंजीकरण शुल्क दोगुना करके घर खरीदारों और रियल एस्टेट क्षेत्र को निशाना बनाया है."इसी तरह, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "सरकार, जिसने पहले ही स्टांप शुल्क में बेतहाशा वृद्धि करके लोगों के घर के सपने को चकनाचूर कर दिया था, अब पंजीकरण शुल्क को 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 2 प्रतिशत करके सीधे तौर पर लूट पर उतर आई है और मैं राज्य सरकार की इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करता हूं."

पंजीकरण प्रक्रिया में बदलाव

स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिन आवेदकों ने पहले से अपॉइंटमेंट ले लिया है या जिनके आवेदन सत्यापन के लिए लंबित हैं, उन्हें आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा. नए नियम के तहत, सभी पंजीकरण शुल्क की पुनर्गणना 2% की संशोधित दर पर की जाएगी.