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नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे... डीके शिवकुमार ने गाई संघ प्रार्थना, सदन में गूंजे ठहाके

डीके शिवकुमार ने पहले भी कई मौकों पर स्वीकार किया है कि उनके शुरुआती दिनों में आरएसएस के साथ कुछ समय तक जुड़ाव रहा था. हालांकि, बाद में वह कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने लगे और आज कर्नाटक में पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं.

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Edited By: Gyanendra Sharma
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Courtesy: Social Media

Dk shivakumar rss prayer: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तारीफ की थी, जिसका विरोध डीके शिवकुमार ने मुखर रूप से किया था. लेकिन अब उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह कर्नाटक विधानसभा में आरएसएस की प्रार्थना 'नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे' गाते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो ने न केवल लोगों को हैरान किया है, बल्कि यह सवाल भी उठाया है कि आखिर कांग्रेस नेता को आरएसएस की यह प्रार्थना इतनी अच्छी तरह कैसे याद है?

यह घटना कर्नाटक विधानसभा के हालिया सत्र के दौरान हुई, जब सदन में बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में मची भगदड़ पर चर्चा चल रही थी. इसी बीच, डीके शिवकुमार ने अपने राजनीतिक सफर का जिक्र शुरू किया. तभी विपक्ष के नेता आर. अशोका ने टिप्पणी की कि शिवकुमार कभी आरएसएस से जुड़े थे. इस बात को सहजता से स्वीकार करते हुए शिवकुमार ने न केवल अपनी पुरानी यादों को ताजा किया, बल्कि यह कहते हुए कि उन्हें संघ की प्रार्थना अब भी याद है, उसे गाना शुरू कर दिया. उनके इस अप्रत्याशित कदम से सदन में मौजूद विधायक ठहाकों से गूंज उठे. बीजेपी विधायकों ने खुशी में मेजें थपथपाईं, और यह पल कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

 

शिवकुमार और आरएसएस का पुराना नाता

डीके शिवकुमार ने पहले भी कई मौकों पर स्वीकार किया है कि उनके शुरुआती दिनों में आरएसएस के साथ कुछ समय तक जुड़ाव रहा था. हालांकि, बाद में वह कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने लगे और आज कर्नाटक में पार्टी के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं. लेकिन इस वायरल वीडियो ने उनके उस पुराने जुड़ाव को फिर से चर्चा में ला दिया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्ता को लालकिले से आरएसएस की तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि आरएसएस ऐसा संगठन है जिसने देश निर्माण में योगदान दिया है. उन्होंने कहा था, राष्ट्र के लिए 100 साल की सेवा का एक सुनहरा अध्याय है. चरित्र निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण के संकल्प के साथ, मां भारती की सेवाना करने के उद्देश्य से स्वयंसेवकों ने एक सदी से मातृभूमि के लिए कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है.