झारखंड में हाथी ने मचाया कोहराम, होटल में तोड़-फोड़, काम पर जा रहे मजदूर की कुचल कर ली जान

Elephant Kill man in Ramgarh Jharkhand: झारखंड के रामगढ़ में हाथी ने पैर से कुचलकर एक व्यक्ति की जान ले ली. इसके अलावा हाथियों के झुंड ने होटल में भी तोड़-फोड़ की और भारी नुकसान किया.

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Praveen Kumar Mishra

Elephant Kill man in Ramgarh Jharkhand: झारखंड की एक दुखद घटना में शुक्रवार की सुबह रजरप्पा मंदिर के मुख्य मार्ग पर जंगली हाथी ने एक मजदूर को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों और मृतक के परिजनों में आक्रोश फैल गया, जिससे इलाके में तनाव का माहौल बन गया.

यह हादसा सुबह करीब चार बजे जनिया मारा जंगल के पास पिचि मोड़ पर हुआ. मृतक, मुरपा गांव निवासी 52 वर्षीय मुस्ताक अंसारी, हर दिन की तरह रजरप्पा वाशरी में लोडिंग का काम करने जा रहे थे. इसी दौरान जंगली हाथियों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया. इस हमले में मुस्ताक की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया.

स्थानीय होटलों को भी नुकसान

हाथियों के इस झुंड ने केवल इंसानी जान ही नहीं ली, बल्कि आसपास के इलाकों में भी नुकसान पहुंचाया. जनिया मारा में सरजू करमाली और अजय करमाली के होटलों को भी हाथियों ने तोड़-फोड़ दिया, जिससे दोनों दुकानदारों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ.

स्थानीय लोगों का गुस्सा, वन विभाग पर सवाल

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग और मृतक के परिजन मौके पर जमा हो गए. लोगों ने वन विभाग पर लापरवाही करने का आरोप लगाया. स्थानीय मुखिया सुनीता देवी ने कहा कि वन विभाग को जंगल में हाथियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम गठित करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर समय पर कार्रवाई की जाए, तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है."

मुआवजे और सुरक्षा की मांग

वन पर्यावरण सुरक्षा सह प्रबंधन समिति के केंद्रीय सचिव सुलेमान अंसारी ने प्रशासन से बड़ी मांग की है. उनका मानना है कि मंदिर मार्ग पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए ताकि रात और सुबह के समय लोगों को खतरे से बचाया जा सके. वहीं भुचुंगडीह के समाजसेवी राजू महतो और समिति के अध्यक्ष ठाकुरदास महतो ने वन विभाग से मृतक के परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की. 

प्रशासन से कार्रवाई की उम्मीद

इस घटना ने रजरप्पा और आसपास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं. स्थानीय लोग और सामाजिक कार्यकर्ता अब प्रशासन और वन विभाग से ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. मृतक के परिवार को मुआवजा और इलाके में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की मांग जोर पकड़ रही है.