धनबाद में फैली जहरीली गैस से लोग अपना घर छोड़ने पर हुए मजबूर, दो की मौत; कई बीमार
धनबाद के केंदुआडीह इलाके में CO गैस रिसाव से हालात गंभीर हैं. विशेषज्ञों ने 1500 PPM तक CO स्तर रिकॉर्ड किया है जो बेहद खतरनाक है.
धनबाद: झारखंड के धनबाद जिले के केंदुआडीह इलाके में जहरीली गैस रिसाव की घटना के बाद हालात लगातार गंभीर बने हुए हैं. बुधवार को हुई इस घटना के बाद विशेषज्ञ टीम ने प्रभावित इलाकों में कार्बन मोनोऑक्साइड यानी CO गैस का स्तर बेहद खतरनाक पाया है. टीम ने जांच में पाया कि हवा में CO का स्तर 1500 PPM तक पहुंच गया है, जो सामान्य सीमा से लगभग 30 गुना ज्यादा है.
इस गैस रिसाव की वजह से दो महिलाओं की मौत हो गई जबकि 20 से ज्यादा लोग सिरदर्द और उल्टी की शिकायत के साथ प्रभावित हुए हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि CO गैस का खतरनाक स्तर 50 PPM से शुरू होता है. 200 PPM पर सिरदर्द शुरू होता है जबकि 800 PPM पर चक्कर आना, उल्टी आना और होश खोने जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं. ऐसे में 1500 PPM का स्तर मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है.
जांच के बाद क्या आया आदेश?
धनबाद IIT-ISM और DGMS की संयुक्त टीम ने राजपूत बस्ती, मस्जिद मुहल्ला और एरिया नंबर 5 में जाकर जांच की. जांच के बाद सलाह दी गई कि राजपूत बस्ती के लोगों को तुरंत हटाया जाए क्योंकि वहां CO का स्तर सबसे ज्यादा पाया गया है.
डिप्टी कमिश्नर ने क्या बताया?
धनबाद के डिप्टी कमिश्नर आदित्य रंजन ने बताया कि प्रभावित इलाकों से अब तक करीब 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. बाकी लोगों को भी स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए जल्द से जल्द हटाने की प्रक्रिया जारी है. हालांकि कुछ स्थानीय लोग इस विस्थापन से परेशान हैं क्योंकि उन्हें नई जगह पर जीविकोपार्जन को लेकर चिंता है.
प्रशासन ने उन्हें भरोसा दिया है कि फिलहाल बेलागडिया और करमटांड में अस्थायी रहने का इंतजाम किया गया है और हालात सामान्य होने तक उनकी पूरी सहायता की जाएगी.
क्या है इसकी वजह?
DC आदित्य रंजन ने यह भी बताया कि यह समस्या नई नहीं है. इस इलाके को सालों से 'डेंजर जोन' घोषित किया गया है क्योंकि यहां लंबे समय से भूमिगत आग की समस्या है. इसी आग की वजह से कई बार गैस रिसाव की स्थिति बन जाती है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं ताकि किसी बड़े हादसे से बचा जा सके.
पर्यावरण विशेषज्ञों ने क्या बताया?
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि 1500 PPM CO स्तर पर इंसान का जीवित रहना बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में तेजी से राहत और पुनर्वास बेहद जरूरी है. प्रशासन की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और लोगों के स्वास्थ्य की जांच भी की जा रही है.