प्रदूषण से निपटने के लिए बड़ी कार्रवाई, पराली जलाने वाले 3 किसानों पर लगाया जुर्माना; इन चीजों पर भी लगाई रोक
वायु प्रदूषण रोकने के लिए करनाल के तीन किसानों पर पराली जलाने के आरोप में ₹30,000 का जुर्माना लगाया गया है और उन्हें दो सीजन तक MSP पर फसल बेचने से रोक दिया गया है. आरोपी किसान हैं जसमेर (केमला), दिनेश कुमार (फुरलक) और विक्की (बिजना).
Haryana Parali Case: वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक सख्त कदम उठाते हुए, हरियाणा के करनाल जिले के तीन किसानों पर जुर्माना लगाया गया है और अगले दो सीजन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने पर बैन लगा दिया गया है. यह कार्रवाई धान की पराली जलाने के दोषी पाए जाने के बाद की गई है, जो फसल कटाई के मौसम में प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है.
के करनाल जिले के तीन किसानों के नाम केमला गांव के जसमेर, फुरलक के दिनेश कुमार और बिजना गांव के विक्की पर जुर्माना लगाया गया है. ये तीनों करनाल के घरौंदा ब्लॉक के हैं.
अधिकारियों के अनुसार, इन सभी के खिलाफ एफआईआर (पुलिस मामले) दर्ज किए गए हैं. कुल ₹30,000 का जुर्माना लगाया गया और 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पोर्टल पर उनकी जानकारी लाल रंग से दर्ज कर दी गई, जिससे वे अगले दो फसल सीजन तक अपनी फसलें एमएसपी पर नहीं बेच पाएंगे.
कौन से कानून तोड़े गए ?
तीनों किसानों के खिलाफ वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981 - धारा 39 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 - धारा 223(ए) से मामला दर्ज किया गया है.
किसान ने क्या कहा?
किसान जसमेर सिंह ने कहा कि आग दुर्घटनावश लगी थी. उनके अनुसार, आग तब लगी जब कुछ मजदूर चाय बना रहे थे. उन्होंने दावा किया कि जब अधिकारी आए तो वह आग बुझाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इसके बजाय वह अपने ट्रैक्टर पर बैठकर वहां से चले गए. जसमेर के पास सिर्फ आधा एकड़ जमीन है, लेकिन वह ठेके पर 7.5 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं.
सरकार का लक्ष्य
हरियाणा सरकार ने 2025 तक पराली जलाने को पूरी तरह बंद करने का लक्ष्य रखा है. इसे लागू करने के लिए राज्य में लगभग 750 अधिकारियों को तैनात किया गया है. नए दंड नियम (भारत के 2024 के राजपत्र के अनुसार) 2 एकड़ तक ₹5,000 जुर्माना
और 5 एकड़ से अधिक पर ₹30,000 जुर्माना लगाया जाएगा. इसके अलावा, कृषि अभिलेखों में लाल प्रविष्टियां दर्ज की जाती हैं, जिससे किसानों की लाभों तक पहुंच प्रभावित होती है.
कंट्रोल रूम और सपोर्ट सिस्टम
जिला और ब्लॉक स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं ताकि शिकायतें प्राप्त की जा सकें. साथ में किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में मार्गदर्शन दिया जा सके. किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए सरकार सुपर एसएमए, बेलर, हैप्पी सीडर और मल्चर को को बढ़ावा दे रही है. किसानों को इन मशीनों के उपयोग के लिए प्रति एकड़ ₹1,200 का प्रोत्साहन भी मिलता है.
मुख्यमंत्री का बयान
हिसार में 2025 के कृषि मेले में, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, 'पराली प्रबंधन के लिए किसानों को 1 लाख से ज्यादा मशीनें उपलब्ध कराई गई हैं. 2016 से पराली जलाने की घटनाओं में 90% की कमी आई है.'
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