दिल्ली में फार्महाउस से 264 करोड़ की ड्रग्स बरामद, NCB ने इंटरनेशनल नेटवर्क का किया पर्दाफाश
NCB ने दिल्ली के एक फार्महाउस पर छापेमारी में 264 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग्स बरामद की. जांच में यूपी के अमरोहा निवासी शेन वारिस की गिरफ्तारी हुई, जिसकी निशानदेही पर 328 किलो मेथाम्फेटामिन मिली. पूरा नेटवर्क विदेशी ऑपरेटरों के निर्देश पर काम कर रहा था.
नई दिल्ली: नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम देते हुए करोड़ों रुपये की ड्रग्स जब्त की है. NCB की यह कार्रवाई एक फार्महाउस पर की गई छापेमारी से शुरू हुई, जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय सिंथेटिक ड्रग्स गिरोह की गतिविधियों की परतें खोल दीं. तीन दिनों तक चले इस विशेष अभियान में कुल 264 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध ड्रग्स पकड़ी गईं.
फार्महाउस रेड से मिली अहम लीड, ड्रग नेटवर्क का खुला जाल
NCB के मुताबिक, छतरपुर स्थित एक फार्महाउस पर की गई कार्रवाई के दौरान टीम को ऐसे सुराग मिले, जिन्होंने पूरे नेटवर्क की दिशा उजागर कर दी. शुरुआती जानकारी से पता चला कि यह सिंथेटिक ड्रग्स गैंग देश नहीं, बल्कि विदेशों से संचालित किया जा रहा था. विदेशी ऑपरेटर अपनी पहचान छुपाकर भारत में मौजूद अपने फील्ड एजेंट्स को ऑनलाइन गुप्त प्लेटफॉर्म के जरिए निर्देश देते थे.
सूत्रों के अनुसार, फार्महाउस से मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, पैकिंग सामग्री और केमिकल्स ने जांच को नए मोड़ दिए. इसके बाद NCB ने दिल्ली-NCR के कई इलाकों में नजर रखकर संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रैक करना शुरू किया.
नोएडा से गिरफ्तार हुआ मुख्य आरोपी
तीन दिनों की लगातार निगरानी के बाद NCB ने इस ड्रग नेटवर्क से जुड़े एक प्रमुख सदस्य 25 वर्षीय शेन वारिस को गिरफ्तार किया. शेन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के मंगरौली गांव का रहने वाला है. गिरफ्तारी के समय वह नोएडा सेक्टर-5, हरौला में किराये के मकान में रह रहा था और एक निजी कंपनी में सेल्स मैनेजर के तौर पर काम करता था.
जांच में खुलासा हुआ कि शेन न सिर्फ इस नेटवर्क का सक्रिय हिस्सा था, बल्कि विदेशी बॉस के सीधे संपर्क में रहता था. वह अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए फेक सिम कार्ड, एक बार इस्तेमाल होने वाले मोबाइल नंबर और व्हाट्सऐप व जांगी जैसे एन्क्रिप्टेड चैट ऐप का प्रयोग करता था.
छतरपुर से बरामद हुई 328.54 किलो मेथाम्फेटामिन
शेन की गिरफ्तारी के बाद NCB टीम को महत्वपूर्ण सफलता तब मिली, जब उसकी निशानदेही पर छतरपुर इलाके से 328.54 किलो मेथाम्फेटामिन बरामद की गई. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 200 करोड़ रुपये से भी अधिक बताई जा रही है. यह ड्रग्स बेहद उच्च गुणवत्ता वाली थी, जो दर्शाती है कि यह नेटवर्क बड़े पैमाने पर और प्रोफेशनल तरीके से संचालित होता था.
विदेशी ऑपरेटरों की भूमिका की गहराई से जांच जारी
NCB अधिकारी अब इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में जुटे हैं. प्रारंभिक जांच से साफ है कि पूरा मॉड्यूल विदेश में बैठे ड्रग माफिया के निर्देश पर चलता था. ट्रांजैक्शन, सप्लाई चैन और डिलीवरी मॉड्यूल को ऐसे प्लेटफॉर्म पर संचालित किया जाता था, जिन्हें ट्रैक करना बेहद मुश्किल होता है.
जांच एजेंसी अब डिजिटल फुटप्रिंट, बैंक लेनदेन, अंतरराष्ट्रीय कॉल रिकॉर्ड और चैट लॉग्स की मदद से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में कितने लोग शामिल थे और भारत में उनका नेटवर्क कितना बड़ा है.