Delhi Murder Case: दिल्ली के मुस्लिम इलाके में 17 साल के हिंदू लड़के की चाकू घोंपकर हत्या, सड़कों पर उतरे लोग
Delhi Murder Case: दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक 17 साल के किशोर कुणाल की जे-ब्लॉक में चाकू घोंपकर बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस अपराध ने आस पास के लोगों में आक्रोश फैला दिया, जिसके चलते लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
Delhi Murder Case: दिल्ली के सीलमपुर इलाके में गुरुवार शाम एक और अपराध ने शहर को हिलाकर रख दिया. 17 साल के किशोर कुणाल की जे-ब्लॉक में चाकू घोंपकर बेरहमी से हत्या कर दी गई. यह चौंकाने वाली घटना शाम करीब 7:38 बजे तब हुई, जब कुणाल अपने घर से महज 100 मीटर दूर दूध खरीदने निकला था. हमलावरों ने वारदात को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए. गंभीर रूप से घायल कुणाल को तुरंत जेपीसी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इस अपराध ने आस पास के लोगों में आक्रोश फैला दिया, जिसके चलते लोग सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर एक विशेष समुदाय से थे, जिससे इलाके में तनाव और बढ़ गया. गुस्साए स्थानीय लोगों ने सड़कें जाम कर दीं और नारेबाजी की. स्थिति को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने भारी सुरक्षा बल तैनात किए. इस घटना ने न केवल सीलमपुर की शांति भंग की, बल्कि सामुदायिक तनाव को भी उजागर किया. पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तुरंत कदम उठाए और क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी.
पुलिस ने शुरू की जांच और कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही सीलमपुर पुलिस स्टेशन की टीम ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर जानकारी जुटाए और घटनास्थल का मुआयना करने के लिए एक अपराध जांच टीम को बुलाया. पुलिस आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है और आरोपियों की पहचान के लिए घर-घर जाकर पूछताछ कर रही है. सीलमपुर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है, और कई टीमें हमलावरों को पकड़ने के लिए तैनात की गई हैं. पुलिस ने कहा, 'आगे की जांच जारी है.'
‘हिंदू पलायन’ के पोस्टरों ने बढ़ाई चिंता
इस हत्या के बाद सीलमपुर में तनाव चरम पर पहुंच गया है. मुस्लिम बहुल इस इलाके की गलियों में 'हिंदू पलायन' के पोस्टर दिखाई देने लगे हैं. कई हिंदू परिवारों ने अपने घरों के बाहर पोस्टर लगाए, जिनमें लिखा है, 'हिंदू पलायन, यह मकान बिकाऊ है, योगी जी'. ये पोस्टर न केवल स्थानीय लोगों की असुरक्षा और निराशा को दर्शाते हैं, बल्कि क्षेत्र में बढ़ती अशांति का भी संकेत देते हैं. इन पोस्टरों ने प्रशासन और समाज के सामने एक गंभीर चुनौती पेश की है.