इंसानों की तो छोड़िए दिल्ली में जानवर भी जहरीली हवा की चपेट में, कुत्ते को नेबुलाइजर देने की तस्वीर हुई वायरल
दिल्ली की जहरीली हवा अब इंसानों के साथ पालतू जानवरों को भी बीमार कर रही है. रेडिट पर वायरल एक पोस्ट में गोल्डन रिट्रीवर को नेबुलाइजर लेते देख लोग हैरान रह गए. दिल्ली का AQI फिर से 370 के आसपास पहुंच चुका है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. अब इसका असर सिर्फ इंसानों पर नहीं बल्कि पालतू जानवरों पर भी साफ नजर आ रहा है. रेडिट पर एक यूजर ने जो तस्वीर पोस्ट की, उसने कई लोगों को झकझोर दिया है.
शेयर की हुई तस्वीर में एक गोल्डन रिट्रीवर नेबुलाइजर पर दिखाई दिया. यूजर ने कैप्शन में लिखा, हवा इतनी खराब है कि मेरा कुत्ता भी बीमार है. उन्होंने बताया कि उनके कुत्ते को ब्रोंकाइटिस हो गया है और इसकी वजह दिल्ली की जहरीली हवा है. यूजर के मुताबिक पूरा परिवार बीमार है और सांस लेने में दिक्कत हो रही है.
पालतू जानवरों में क्यों बढ़ रहा है ब्रोंकाइटिस
ब्रोंकाइटिस ऐसी स्थिति है जिसमें सांस की नलियां सूज जाती हैं और खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ होती है. दिल्ली की खराब हवा में मौजूद प्रदूषक, धुआं, धूल और सूक्ष्म कण इंसानों और जानवरों दोनों की सांस वाली नलियों पर सीधा असर डालते हैं. यूजर ने साफ लिखा कि उनके पालतू को यह समस्या सिर्फ इसलिए हुई क्योंकि दिल्ली का एयर पॉल्यूशन खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है.
Air so shit even my dog’s sick
byu/LHC2493 indelhi
कितना है दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स?
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक शुक्रवार को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 370 रहा. यह स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. यह आंकड़ा एक दिन पहले के 391 से थोड़ा कम जरूर है, लेकिन अब भी सांस लेने के लिए बेहद असुरक्षित है.
CPCB के मानक बताते हैं.
- 0 से 50 अच्छा
- 51 से 100 अच्छा
- 101 से 200 ठीक ठाक
- 201 से 300 खराब
- 301 से 400 बहुत खराब
- 401 से 500 गंभीर
370 के AQI पर बच्चे, बुजुर्ग, अस्थमा पेशेंट और पालतू जानवर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं.
रेडिट पर लोगों के रिएक्शन
तस्वीर वायरल होने के बाद Reddit पर सैकड़ों कमेंट्स आ गए. कई यूजर ने बताया कि उनके पालतू भी बीमार हो रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, 'मेरे पालतू की आंखें भी लाल हो गई हैं.' दूसरे ने कमेंट करते हुए लिखा, 'जैसे भी हो सके दिल्ली से निकल जाओ.' कई लोगों ने बताया कि हर सर्दी उन्हें बच्चों को लेवोलिन और बुडेकोर्ट देना पड़ता है और महीने में दो तीन बार नेबुलाइज़र का इस्तेमाल करना पड़ता है. एक यूजर ने लिखा, 'मैं अपनी जिंदगी के पहले छह साल दिल्ली में पला बढ़ा और तब भी मुझे नेबुलाइज़र दिया जाता था. चेन्नई शिफ्ट होने के बाद सब बेहतर हुआ.'