नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर रूप ले लिया है. शनिवार शाम को अचानक एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर तक पहुंच गया, जिससे राजधानी में पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात बनते नजर आए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का ओवरऑल AQI 400 के करीब दर्ज किया गया, जबकि कई इलाकों में यह 400 के पार चला गया. हालात इतने बिगड़ गए कि सांस लेना तक मुश्किल महसूस होने लगा.
एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग डेटा के मुताबिक, दिल्ली के नेहरू नगर में सबसे ज्यादा AQI 442 दर्ज किया गया. इसके अलावा पटपड़गंज में 431 और शादीपुर में 429 AQI रिकॉर्ड किया गया. आरके पुरम में 412, सिरीफोर्ट में 402 और शिवाजी पार्क में 400 AQI दर्ज हुआ. यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि प्रदूषण किसी एक इलाके तक सीमित नहीं है बल्कि पूरी राजधानी इसकी चपेट में है.
दिन के समय दिल्ली की हवा पहले ही बहुत खराब श्रेणी में पहुंच चुकी थी, जहां AQI 300 के पार था. जैसे जैसे शाम हुई, ठंड और कोहरे के साथ प्रदूषण और गहराता चला गया. घनी धुंध और स्मॉग की वजह से विजिबिलिटी बेहद कम हो गई और लोगों को आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में परेशानी होने लगी.
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा मौसम की स्थिति ने प्रदूषण को दिल्ली के ऊपर ही फंसा दिया है. ठंडा तापमान, हवा की रफ्तार कम होना और घना कोहरा मिलकर ऐसी परत बना रहे हैं, जिससे प्रदूषक ऊपर उठ नहीं पा रहे हैं. यही वजह है कि हवा में मौजूद जहरीले कण लंबे समय तक बने हुए हैं. मौसम में फिलहाल किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है, इसलिए आने वाले दिनों में भी हालात खराब बने रह सकते हैं.
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए Commission for Air Quality Management ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत स्टेज तीन लागू कर दिया है. इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, औद्योगिक गतिविधियों पर सख्त निगरानी और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं. इसमें नो PUCC नो फ्यूल जैसे नियमों को सख्ती से लागू करने के निर्देश शामिल हैं.
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री Manjinder Singh Sirsa ने साफ कहा है कि बिना वैध PUCC सर्टिफिकेट के किसी भी वाहन को फ्यूल नहीं दिया जाएगा. उन्होंने यह भी बताया कि यह नियम अस्थायी नहीं बल्कि स्थायी रूप से लागू किया जाएगा. इसके अलावा दिल्ली के बाहर से आने वाले भारत स्टेज छह से नीचे के वाहनों को राजधानी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.