दिल्ली में पॉल्यूशन को लेकर बड़ा एक्शन, फिर से बदलेंगे GRAP नियम; जानें पूरा अपडेट

दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार GRAP में बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. SC के निर्देशों के बाद CAQM ने एजेंसियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं.

Pinterest
Princy Sharma

नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में प्रदूषण का लेवल बहुत ज्यादा बना हुआ है, इसलिए सरकार ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) में एक और बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है. सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों के बाद, कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने सभी संबंधित एजेंसियों और स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग शुरू कर दी है. अधिकारियों के मुताबिक, ये बदलाव इसी प्रदूषण सीजन में लागू किए जा सकते हैं, जो 2024 के बाद पहला बदलाव होगा.

इस बार, प्रस्तावित बदलाव ज्यादा एग्रेसिव हैं, जिसमें कई उपाय कम AQI लेवल पर भी लागू किए जा सकते हैं. सूत्रों से पता चला है कि सरकार ऑफिसों में स्टाफ की मौजूदगी कम करने, ऑफिस के काम करने के घंटे बदलने और बिजली सप्लाई से जुड़े नियमों में बदलाव जैसे नए नियमों की योजना बना रही है. CAQM ने साफ किया है कि इनमें से ज्यादातर उपाय एडवाइजरी-बेस्ड होंगे, लेकिन एक बार मंजूरी मिलने के बाद, प्रदूषण के लेवल को और खराब होने से रोकने के लिए उन्हें तुरंत एक्टिवेट कर दिया जाएगा. 

GRAP में क्या बदलाव हो सकता है?

इन बदलावों का मकसद पॉल्यूशन साइकिल में पहले ही कड़े नियम लगाना है. नियम इस तरह बदल सकते हैं:

अभी का नियम     मौजूदा चरण    रिवाइज हो सकता है
पब्लिक, प्राइवेट ऑफिस में 50% स्टाफ बुलाना GRAP-4 GRAP-3
सरकारी ऑफिस के समय में बदलाव GRAP-3     GRAP-2
बिना रुकावट के पावर सप्लाई GRAP-2    GRAP-1

इसका मतलब है कि जो कदम पहले बहुत ज्यादा पॉल्यूशन स्टेज के लिए रखे गए थे, वे अब बहुत पहले शुरू हो सकते हैं, जिससे अधिकारियों को एमिशन कंट्रोल करने के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा.

ये बदलाव क्यों जरूरी हैं?

एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि GRAP लागू होने के कई सालों बाद भी, दिल्ली जहरीली हवा से घुट रही है, जिससे बदलाव जरूरी हो गए हैं. एनवायरो कैटालिस्ट के फाउंडर और लीड एनालिस्ट सुनील दहिया ने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए, GRAP के कई स्टेज को अपडेट करना जरूरी है. CSE की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉयचौधरी ने कहा कि GRAP तभी नतीजे दिखा सकता है जब हर कदम को जमीन पर असरदार तरीके से लागू किया जाए.

क्लाइमेट ट्रेंड्स ने क्या कहा?

दिलचस्प बात यह है कि क्लाइमेट ट्रेंड्स ने हाल ही में कहा था कि इस साल पराली जलाना इसका बड़ा कारण नहीं था. इससे साफ पता चलता है कि दिल्ली को अब लोकल प्रदूषण सोर्स, जैसे गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, कंस्ट्रक्शन की धूल और इंडस्ट्रियल धुआं कम करने पर ध्यान देना चाहिए.

AQI