गैस चेंबर में तब्दील हुई दिल्ली! घुटने लगा दिल्लीवालों का दम, मुंडका में 350 के पार पहुंचा एक्यूआई
दिल्ली में रविवार को वायु गुणवत्ता फिर बिगड़ गई और AQI 330 तक पहुंच गया. शहर के कई इलाकों में ‘बहुत खराब’ श्रेणी की हवा दर्ज की गई. मुंडका और नेहरू नगर सबसे अधिक प्रदूषित रहे.
नई दिल्ली: दिल्ली की हवा लगातार जहरीली होती जा रही है. रविवार को राजधानी का औसत AQI 330 दर्ज किया गया, जो हवा की ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है. शनिवार को भी सुबह से लेकर शाम तक धुंध और प्रदूषण की चादर छाई रही, जिससे लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हुई. तेजी से गिरती विजिबिलिटी और बढ़ती ठंड ने हालात को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ‘समीर’ ऐप के अनुसार, शहर के 40 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 31 में शाम तक AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया.
- नेहरू नगर का AQI: 369
- मुंडका का AQI: 387 (दिन का सबसे प्रदूषित स्थान)
सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 335 था, जबकि 36 स्टेशन ‘बहुत खराब’ स्तर पर रिकॉर्ड किए गए.
AQI किसे कहते हैं?
CPCB के मानकों के अनुसार:
- 0–50: अच्छा
- 51–100: संतोषजनक
- 101–200: मध्यम
- 201–300: खराब
- 301–400: बहुत खराब
- 401–500: गंभीर
शनिवार का AQI 330, हवा को सांसों के लिए बेहद खतरनाक स्थिति में दिखाता है.
क्यों खराब हो रही है दिल्ली की हवा?
दिल्ली के वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए तैयार Decision Support System (DSS) के आंकड़े बताते हैं कि प्रदूषण में कई स्रोतों का योगदान है.
- परिवहन क्षेत्र: 14.8%
- उद्योग: 7.3%
- आवासीय स्रोत: 3.6%
- निर्माण कार्य: 2%
- एनसीआर के नजदीकी जिले (झज्जर): 13.9%
- रोहतक: 5.2%
इससे साफ है कि दिल्ली ही नहीं, आसपास के शहर भी राजधानी की हवा खराब करने में बराबर हिस्सेदारी निभा रहे हैं.
पिछले दिनों एक्यूआई का रिकॉर्ड
दिल्ली की हवा पिछले सात दिनों से लगातार खराब श्रेणी में बनी हुई है.
- रविवार: 279
- सोमवार: 304
- मंगलवार: 372
- बुधवार: 342
- गुरुवार: 304
- शुक्रवार: 327
- शनिवार: 330
इस सप्ताह हवा में सुधार का एक भी दिन नहीं मिला. प्रदूषण लगातार बढ़ता-घटता रहा, लेकिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी से बाहर नहीं निकला. आईएमडी के मुताबिक, शनिवार को न्यूनतम तापमान 6.8°C रहा, जो सामान्य से 2.7 डिग्री कम है. अधिकतम तापमान 24.6°C दर्ज किया गया. सुबह सापेक्षिक आर्द्रता 95%, जबकि शाम में 56% रही. ठंड, नमी और धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक हवा में फंस गए और फैल नहीं सके. इसी वजह से AQI लगातार बढ़ा.