SIR फॉर्म को लेकर हुआ विवाद, महिला ने BLO के साथ सड़क पर की बदसलूकी, वीडियो हुआ वायरल

रायपुर के काली माता वार्ड में एक महिला ने SIR फॉर्म देरी के कारण बीएलओ के साथ सड़क पर बदसलूकी की. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. घटना में गाली-गलौज, हाथापाई और धमकी शामिल थी, लेकिन कोई FIR दर्ज नहीं हुई.

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Kanhaiya Kumar Jha

रायपुर: राजधानी रायपुर के काली माता वार्ड से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक महिला ने बीएलओ के साथ सड़क पर अभद्र व्यवहार किया. वायरल वीडियो में महिला न केवल गाली-गलौज करती नजर आ रही है, बल्कि उसने बीएलओ को हाथ भी उठाते हुए धमकाया और चप्पल दिखाकर डराने की कोशिश की. बीच-बचाव करने वाले लोगों को भी महिला ने रोकने की कोशिश नहीं की.

फॉर्म वितरण में देरी बनी विवाद की जड़

जानकारी के अनुसार, यह घटना शनिवार को हुई. महिला ने बीएलओ से SIR फॉर्म अपने घर पहुंचाने की मांग की थी. जब फॉर्म देने में देरी हुई, तो महिला भड़क गई. शुरुआत में उसने जोर-जोर से गाली-गलौज शुरू कर दी, और देखते ही देखते मामला हाथापाई तक पहुंच गया.

बीएलओ ने महिला को शांत करने की लगातार कोशिश की, लेकिन महिला का गुस्सा कम नहीं हुआ. जब किसी ने बीच-बचाव की कोशिश की, तो महिला ने उसे भी थप्पड़ मार दिया.

वायरल वीडियो में दिखा आक्रामक व्यवहार

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि महिला लगातार आक्रामक व्यवहार कर रही थी. बीएलओ बार-बार समझाने की कोशिश करती रहीं, लेकिन महिला न सिर्फ उनकी बात नहीं सुन रही थी, बल्कि बीच-बीच में चप्पल दिखाकर धमकी भी दे रही थी. वीडियो में यह भी देखा गया कि बीएलओ को सड़क पर धक्का-मुक्की का सामना करना पड़ा.

पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं

स्थानीय पुलिस ने बताया कि उन्हें वायरल वीडियो की जानकारी मिल गई है. हालांकि, इस घटना को लेकर अभी तक किसी भी तरह की आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है. न तो बीएलओ ने पुलिस में FIR दर्ज कराई है और न ही किसी अन्य व्यक्ति ने.

स्थानीय लोगों में चिंता

वार्ड के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में इस प्रकार की घटना पहली बार हुई है. चुनावी कार्यों में लगे बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म वितरित कर रहे हैं. ऐसे समय में किसी अधिकारी के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार होना चिंता का विषय है.

स्थानीय लोग इस घटना से परेशान हैं और उनका कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में लगे कर्मचारियों के लिए यह असहज स्थिति बन सकती है. लोगों का मानना है कि अधिकारियों के साथ इस तरह की हिंसक घटनाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए. यह मामला यह दर्शाता है कि चुनावी या प्रशासनिक कामकाज के दौरान नागरिकों और अधिकारियों के बीच सहनशीलता बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है.