न बंदूक, न बम... अब शांति का रास्ता! 1.18 करोड़ के इनामी 23 नक्सलियों ने कहा हिंसा को अलविदा
सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की तरफ से 50-50 हजार रुपये की मदद दी गई है. आगे चलकर इन्हें राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी.
Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में शनिवार को एक बड़ी और अहम घटना देखने को मिली, जहां कुल 23 कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. इनमें तीन दंपती और 9 महिलाएं भी शामिल हैं. इन सभी पर कुल मिलाकर 1.18 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. माना जा रहा है कि यह घटना नक्सल आंदोलन की कमज़ोर होती पकड़ की ओर इशारा करती है.
ये नक्सली पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की बटालियन नंबर 1 जैसे खतरनाक संगठनों से जुड़े थे, जिसे माओवादियों का सबसे ताकतवर सैन्य संगठन माना जाता है. आत्मसमर्पण करने वाले इन लोगों ने माओवादी विचारधारा से तंग आकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है.
कौन-कौन शामिल हैं?
पुलिस के मुताबिक, सरेंडर करने वाले 11 नक्सली सीनियर कैडर के थे और इनमें से कई PLGA बटालियन नंबर 1 से जुड़े थे. इन पर 8-8 लाख रुपये तक का इनाम घोषित था. खास बात यह है कि इनमें लोकेश उर्फ पोडियाम भीमा जैसे बड़े चेहरे भी शामिल हैं, जो माओवादी संगठन में संभागीय समिति का सदस्य था.
क्यों छोड़ा नक्सलवाद?
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि ये सभी माओवादी संगठन की खोखली विचारधारा और निर्दोष आदिवासियों पर होने वाले अत्याचारों से दुखी थे. साथ ही संगठन के अंदर आपसी लड़ाई और मतभेद भी बढ़ते जा रहे थे, जिससे इनके मन में बदलाव आया.
कहां-कहां थे सक्रिय?
आत्मसमर्पण करने वाले कुछ नक्सली आमदई, जगरगुंडा और केरलपाल क्षेत्र में एक्टिव थे. इसके अलावा इन पर विभिन्न थाना क्षेत्रों में दर्ज कई संगीन मामले भी दर्ज हैं.
क्या मिला बदले में?
सरेंडर करने वाले सभी नक्सलियों को सरकार की तरफ से 50-50 हजार रुपये की मदद दी गई है. आगे चलकर इन्हें राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जाएगी.
लगातार कमजोर हो रहा है नेटवर्क
सुकमा-बीजापुर के जंगलों में सुरक्षाबलों की लगातार सर्चिंग और कार्रवाई से नक्सलियों का नेटवर्क टूट रहा है. हाल ही में नारायणपुर जिले में भी 22 नक्सलियों ने सरेंडर किया था, जिन पर कुल 37.5 लाख रुपये का इनाम था.