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Chhattisgarh Liquor Scam: कैश पेमेंट देकर चैतन्य बघेल ने 16.70 करोड़ को किया व्हाइट, शराब घोटाले पर ED का बड़ा खुलासा

ईडी की जांच के अनुसार, चैतन्य ने अपनी रियल एस्टेट फर्मों का उपयोग अपराध आय को मिलाने और उसे वैध दिखाने के लिए किया. जांच में पाया गया कि उन्होंने इस राशि का इस्तेमाल अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के विकास में किया.

Sagar Bhardwaj

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के खिलाफ सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं. 18 जुलाई को 2019-2022 के शराब घोटाले में गिरफ्तार चैतन्य पर 16.70 करोड़ रुपये की अपराध आय प्रोसीड ऑफ क्राइम (POC) प्राप्त करने का आरोप है.

कारोबार की आढ़ में POC को बनाया वैध

ईडी की जांच के अनुसार, चैतन्य ने अपनी रियल एस्टेट फर्मों का उपयोग अपराध आय को मिलाने और उसे वैध दिखाने के लिए किया. जांच में पाया गया कि उन्होंने इस राशि का इस्तेमाल अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के विकास में किया. ईडी ने अपने बयान में कहा, "चैतन्य बघेल ने अपराध आय के नकद हिस्से का उपयोग अपने प्रोजेक्ट्स के ठेकेदारों को नकद भुगतान और बैंक प्रविष्टियों के जरिए किया." यह रणनीति अपराध आय को वैध धन के रूप में प्रस्तुत करने के लिए बनाई गई थी.

कई बड़े खुलासे होने बाकी

2019 से 2022 के बीच हुए छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच में ईडी ने कई बड़े खुलासे किए हैं. चैतन्य की गिरफ्तारी इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है. जांच एजेंसी ने पाया कि रियल एस्टेट परियोजनाओं में नकद लेनदेन के जरिए अपराध आय को व्यवस्थित रूप से खपाया गया. ईडी ने इस मामले में कई अन्य संदिग्धों से भी पूछताछ की है और दस्तावेजों की छानबीन जारी है.

आगे की कार्रवाई

ईडी अब इस मामले में और गहराई से जांच कर रही है ताकि शराब घोटाले के पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सके. चैतन्य बघेल के खिलाफ ठोस सबूतों के आधार पर कार्रवाई की जा रही है. इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है और भविष्य में और बड़े खुलासों की संभावना जताई जा रही है.