छत्तीसगढ़ का यह गांव बना नक्सलमुक्त, अब विकास के लिए सरकार से मिलेगा 1 करोड़ का तोहफा

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद से मुक्त होने वाला गांव बन गया है. गांव में हाल ही में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया.

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Princy Sharma

Naxal-free Village: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का बड़ेसट्टी गांव नक्सलवाद से मुक्त होने वाला गांव बन गया है. गांव में हाल ही में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया.राज्य सरकार की नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति-2025 के तहत इस गांव को इलवद पंचायत योजना में शामिल किया गया है. इसके अंतर्गत बड़ेसट्टी को 1 करोड़ रुपये की धनराशि विकास कार्यों के लिए दी जाएगी. इस योजना का उद्देश्य उन पंचायतों को आर्थिक मदद देना है जो नक्सलियों के आत्मसमर्पण में सहयोग करती हैं और खुद को नक्सलमुक्त घोषित करने का प्रस्ताव पारित करती हैं. 

बड़ेसट्टी पंचायत के सरपंच कलमू जोगा (33) ने बताया कि पुलिस और पंचायत की साझेदारी से गांव के लोगों को मुख्यधारा में लाने की कोशिशें की गईं. उन्होंने कहा, 'हमने  नक्सलियों से संपर्क कर उन्हें समझाया कि हिंसा से कुछ नहीं मिलेगा. गांव के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए उन्हें शांति की राह अपनानी होगी.'

2021 में बड़ा बदलाव

यह गांव पहले नक्सलवाद के लिए कुख्यात था, लेकिन 2021 में एक बड़ा बदलाव तब आया जब यहां छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) का कैंप स्थापित किया गया. इसके बाद इलाके में सड़क निर्माण शुरू हुआ और धीरे-धीरे गांव में विकास की रोशनी फैलने लगी. CAF के कंपनी कमांडर जमुना कुमार रजक ने बताया कि कैंप की मौजूदगी से गांव में सुरक्षा का माहौल बना, जिससे नक्सली गतिविधियां कम होने लगीं.

गृहमंत्री अमित शाह ने जताई खुशी 

आज बड़ेसट्टी के 8 में से 6 बस्तियों में बिजली पहुंच चुकी है, सड़कें बन चुकी हैं और लोग शांति के साथ अपने जीवन की नई शुरुआत कर रहे हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर खुशी जताई है और कहा है कि यह गांव देश के अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए मिसाल बनेगा. अब जब बड़ेसट्टी ने हिंसा का रास्ता छोड़ शांति की राह अपनाई है, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में और कितने गांव इस सकारात्मक परिवर्तन की राह पर आगे बढ़ते हैं.