पिता ने नाबालिग बेटी के साथ घिनौनी हरकत कर मिटाई हवस, प्रेग्नेंट होने के बाद नवजात के साथ साथ किया ये 'पाप'

Bihar: बिहार के छपरा जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नाबालिग लड़की ने अपने पिता  के बार-बार बलात्कार के बाद ट्रेन के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया. परिवार ने इस अपराध को छिपाने के लिए नवजात को एक बैग में ठूंसकर ट्रेन में छोड़ दिया.

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Bihar: बिहार के छपरा जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक नाबालिग लड़की ने अपने पिता  के बार-बार बलात्कार के बाद ट्रेन के शौचालय में बच्चे को जन्म दिया. परिवार ने इस अपराध को छिपाने के लिए नवजात को एक बैग में ठूंसकर ट्रेन में छोड़ दिया. यह भयावह कहानी तब उजागर हुई, जब मुरादाबाद में पटना-चंडीगढ़ समर स्पेशल ट्रेन (04503) के जनरल कोच में एक लावारिस बैग से नवजात के रोने की आवाज सुनी गई. 

22 जून 2025 को पटना से चंडीगढ़ जा रही समर स्पेशल ट्रेन के जनरल कोच में एक बैग से नवजात के रोने की आवाज सुनकर हड़कंप मच गया. बरेली स्टेशन पर एक वेंडर ने बैग खोला तो देखा कि उसमें एक नवजात शिशु है, जिसकी गर्भनाल भी नहीं कटी थी. TT ने तुरंत बच्चे को एसी-2 कोच में ले जाकर 139 नंबर पर सूचना दी. मुरादाबाद जंक्शन पर ट्रेन रुकी, और नवजात को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

बिहार की नाबालिग का दर्द

बैग में एक सिम कार्ड मिला, जिससे पुलिस को बिहार के छपरा जिले की एक नाबालिग लड़की का पता चला. मुरादाबाद जंक्शन के जीआरपी प्रमुख रवींद्र वशिष्ठ ने बताया, 'सिम कार्ड के मालिक ने खुलासा किया कि बच्चा उसकी नाबालिग रिश्तेदार का है, जो बलात्कार के बाद गर्भवती हो गई थी.' जीआरपी की टीम ने छपरा पहुंचकर लड़की और उसके परिवार का पता लगाया. 

काउंसलिंग में नाबालिग ने बताया कि उसके पिता, जो शराब के नशे में रहते थे, डेढ़ साल से उसका यौन शोषण कर रहे थे. इसके चलते वह गर्भवती हो गई. लोकलाज के डर से परिवार ने उसे छिपाकर रखा और प्रसव के लिए दिल्ली ले जा रहा था. वाराणसी के पास ट्रेन में अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हुई, और उसने शौचालय में बच्चे को जन्म दिया. डर और शर्मिंदगी के कारण परिजनों ने नवजात को बैग में डालकर वाराणसी स्टेशन पर ट्रेन के जनरल कोच में छोड़ दिया और वापस छपरा लौट गए. 

नवजात और नाबालिग मां का हाल

नवजात को मुरादाबाद के जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में रखा गया है. जीआरपी ने नाबालिग मां को मुरादाबाद लाकर चाइल्डलाइन के सामने पेश किया. नाबालिग ने लिखित में कहा कि वह बच्चे को रखने में असमर्थ है. उसकी मां और नानी ने भी इस फैसले का समर्थन किया. बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अमित कौशल ने बताया कि बच्चे को तुरंत गोद नहीं दिया जाएगा. दो महीने तक उसकी स्वास्थ्य निगरानी होगी, और इस दौरान नाबालिग मां चाहे तो बच्चे की कस्टडी ले सकती है. इसके बाद गोद लेने की प्रक्रिया शुरू होगी.

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