'सबको निकालोगे तो रहेगा कौन?' बहन रोहिणी के अपमान पर भड़के तेजप्रताप, तेजस्वी पर बोला हमला
चुनाव में मिली करारी हार के बाद लालू परिवार का कलह अब खुलकर सामने आ गया है और तेजस्वी पर चौतरफा वार होने लगे हैं. बहन रोहिणी के अपमान को लेकर तेजप्रताप ने इंस्टाग्राम पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट कर तेजस्वी और उनके करीबियों पर जमकर निशाना साधा है.
पटना: चुनावी नतीजों में राजद को निराशा क्या हाथ लगी, लालू परिवार में घमसान शुरू हो गया. तेज प्रताप यादव को पहले ही पार्टी व परिवार से बाहर निकाला जा चूका था, वही अब रोहिणी आचार्य ने भी परिवार और पार्टी से दूसरी बना ली है.
इन सबके बीच तेजस्वी यादव पर लगातार निशाना साधा जा रहा है और उनके करीबी संजय यादव को पुरे फसाद की जड़ बताया जा रहा है. वही तेजप्रताप यादव ने एक बार फिर बहन रोहिणी के अपमान पर तेजस्वी यादव पर जमकर हमला बोला है.
बहन रोहिणी के अपमान पर तेजप्रताप यादव ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए पूछा है कि इसी तरह अगर एक-एक कर लोग पार्टी और परिवार से दूर होते गए तो फिर बचेगा कौन. तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल के इंस्टा अकाउंट पर उनके नाम से एक पोस्ट किया गया है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि सबको निकालोगे तो रहेगा कौन? यह सवाल अब जनता पूछ रही है.
'लोग सोच रहे थे कि तेजप्रताप तो फालतू है'
इंस्टा अकाउंट पर किए गए पोस्ट में तेजप्रताप नमे लिखा, 'जब मुझे निकाला गया था तो यही लोग सोच रहे थे कि तेजप्रताप तो फालतू है, इससे क्या फर्क पड़ेगा? आप ही देखिए कि आंकड़े क्या कहते हैं. 2015 में 80 सीट थे और 2020 में 75. अब आकर 25 सीट पर ठहरे हैं. इसी तरह की राजनीति अगर जारी रही तो 25 से 5 तक आने में भी देर नहीं लगेगी.
'मजाक का पात्र बन गया परिवार'
उन्होंने कहा कि ये गिरावट मैं नहीं बल्कि जनता बता रही है कि गलती कहां हुई और मजेदार बात यह है कि आज वही लोग पूछ रहे हैं कि सबको निकालोगे तो रहेगा कौन? अफसोस यही सवाल तो आज जनता पूछ रही है कि पार्टी बची कहां है? पहले मुझे निकाला फिर देवी जैसी मेरी बहन रोहिणी जी को निकाला. पूरा बिहार हंस रहा था कि जिस परिवार ने लोगों को हंसाया और रुलाया, वही आज खुद मजाक का पात्र बन गया. इज्जत का तमाशा जब-जब हुआ है पार्थ, धर्म ने हस्तिनापुर ही नहीं, पूरा इतिहास बदल दिया है.
'सिद्धांत की जगह चाटुकार बैठा हो और समर्पण की जगह षड्यंत्र, वहां सवाल भी खोखले लगते हैं'
आरजेडी की इस स्थिति के लिए उन्होंने अलगाव को भी जिम्मेदार ठहराया बताया. उन्होंने लिखा कि ये तो सिर्फ 20 दिन का ही कमाल है यदि मैं पूरे बिहार में घूमता तो इसी बार ये पांच सीट पर आ जाते. हम लोग 44 सीटो पर लड़े थे. वहां आरजेडी को मात्र 5 सीट ही मिली. बिहार की जनता समझ चुकी है कि RJD अब लालू जी की विचारधारा वाली पार्टी नहीं बल्कि जयचंदों द्वारा हथियाई गई पार्टी बन चुकी है.
तेजप्रताप ने तेजस्वी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां सिद्धांत की जगह चाटुकार बैठा हो और समर्पण की जगह षड्यंत्र, वहां सवाल भी खोखले लगते हैं. मैंने कभी किसी को नहीं निकाला. मुझे तो मेरे ही घर से, मेरे ही लोगों से दूर किया गया. फिर भी जिस दिन जनता ने मुझे सुना एक बात साफ हो गई! राजनीति कुर्सी की नहीं, चरित्र की होती है.