NEET पेपर लीक मामला; सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बड़ी सफलता, पटना AIIMS के 3 डॉक्टर डिटेन

NEET Paper Leak Case: सुप्रीम कोर्ट में नीट पेपर केस से जुड़े मामले की सुनवाई से पहले सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है. केंद्रीय जांच एजेंसी ने पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है. उनके कमरों को सील कर दिया गया है. साथ ही उनके मोबाइल और लैपटॉप को भी जब्त कर लिया गया है.

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NEET Paper Leak Case: CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेपी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच आज 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी. इसमें NTA की याचिका भी शामिल है. सुनवाई से पहले CBI ने पटना एम्स के तीन डॉक्टरों को हिरासत में लिया है. कहा जा रहा है कि सीबीआई तीनों डॉक्टरों से पूछताछ कर रही है. डिटेन किए गए तीनों डॉक्टर 2021 बैच के मेडिकल स्टूडेंट हैं.

CBI इससे पहले पेपर चुराने वाले पंकज कुमार को गिरफ्तार कर चुकी है,जबकि झारखंड के हजारीबाग से भी राजू सिंह समेत अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में संजीव मुखिया का नाम सामने आया था,जो फरार है. सीबीआई, लगातार संजीव मुखिया की तलाश में जुटी हुई है.

गिरफ्तार किए गए झारखंड के बोकारो के रहने वाले सिविल इंजीनियर पंकज कुमार पर चोरी किए गए नीट एग्जाम के पेपर को सर्कुलेट करने का आरोप है, जबकि राजू सिंह पर भी पेपर को बांटने का आरोप है. सीबीआई ने दोनों को मंगलवार को गिरफ्तार किया था. पंकज ही पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.

चार जून को रिजल्ट आने के बाद सामने आया था मामला

5 मई को आयोजित नीट यूजी एग्जाम का रिजल्ट 4 जून को आया था. रिजल्ट आने के बाद ही पूरे मामले का खुलासा हुआ था. सामने आया था कि एक ही सेंटर से 8 स्टूडेंट्स ने टॉप किया है. इस रिजल्ट के बाद एग्जाम में गड़बड़ी की आशंका जताई गई. धीरे-धीरे जब जांच का दायरा बढ़ा, सामने आया कि पेपर लीक हुआ था. 

पेपर लीक की बात सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गईं. इस बीच एनटीए ने ग्रेस मार्क्स पाने वाले छात्रों का दोबारा एग्जाम लिया. 23 जून को एग्जाम भी लिया गया, जिसके बाद टॉपर्स की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई. 5 मई को देश के 571 शहरों में 4750 सेंटर्स पर 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने एग्जाम दिया था. 

आज होने वाली सुनवाई से पहले केंद्र की ओर से बताया जा चुका है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास की ओर से डेटा का एनालिसिस किया गया है, जिसमें बताया गया है कि बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की कोई आशंका नहीं है. केंद्र के अलावा, एनटीए ने भी अपने हलफनामे में एग्जाम को रद्द करने को सही नहीं माना है.