Gopal khemka murder: पटना के गांधी मैदान इलाके में शुक्रवार देर रात एक सनसनीखेज घटना ने शहर को हिलाकर रख दिया. बिहार के प्रमुख व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की उनके आवास के पास अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. यह घटना तब हुई जब खेमका ट्विन टॉवर आवासीय परिसर के पास अपनी कार से उतर रहे थे. इस हत्या ने न केवल उनके परिवार और दोस्तों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.
खेमका के करीबी मित्र सुदेश सरीन अभी भी इस सदमे से उबर नहीं पाए हैं. सरीन ने बताया कि घटना से कुछ ही मिनट पहले वे खेमका के साथ थे. "हम बांकीपुर क्लब से लौट रहे थे. घटना से कुछ मिनट पहले ही उसने मुझे एग्जीबिशन रोड पर छोड़ा था. आधी रात के आसपास, मुझे एक अन्य मित्र का फोन आया जिसने मुझे बताया कि गोपाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई है," सरीन ने दुखी स्वर में कहा. उन्होंने आगे बताया, "अगर हमला कुछ मिनट पहले हुआ होता, तो यह मुझ पर भी हो सकता था." सरीन के अनुसार, खेमका का कोई विवाद नहीं था और न ही उन्हें कोई धमकी मिली थी. "वह एक अच्छे इंसान थे और उनका परिवार बहुत सम्मानित है. ''
छह साल पहले हुई थी बेटे की हत्या
यह हत्या इसलिए भी चौंकाने वाली है क्योंकि छह साल पहले खेमका के बेटे गुंजन खेमका की भी हाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. गुंजन, जो एक स्थानीय भाजपा नेता थे, उस समय अपनी पेपर मिल जा रहे थे. खेमका, जो कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी से जुड़े थे, शहर के सबसे प्रमुख व्यवसायियों में से एक थे. उनके पास मगध अस्पताल के अलावा कई कारखाने और रियल एस्टेट में निवेश थे. उनके परिवार में एक डॉक्टर बेटा और विदेश में रहने वाली एक बेटी है.
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल "पुलिस कहाँ थी?"
इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं. खेमका की हत्या गांधी मैदान जैसे पॉश इलाके में हुई, जहां पुलिस स्टेशन महज 500 मीटर की दूरी पर है. फिर भी, घटना के डेढ़ घंटे बाद तक कोई पुलिस अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. खेमका की पुरानी मित्र कुसुमलता वर्मा ने कहा, "यह इतना पॉश इलाका है और गांधी मैदान पुलिस स्टेशन इतना करीब है, इसके बावजूद कोई पेट्रोलिंग वैन नहीं थी. अगर पुलिस की गाड़ी होती, तो शायद यह घटना रोकी जा सकती थी." कुसुमलता ने बताया कि वे रात 11:15 बजे उस इलाके से गुजरी थीं.
समाज में खेमका की छवि: एक सम्मानित व्यक्तित्व
बांकीपुर क्लब के माध्यम से खेमका से मुलाकात करने वाले व्यवसायी राजीव कुमार सिंह ने बताया, "खेमका अंकल क्लब के निदेशक थे और रोटरी क्लब के प्रमुख सदस्य भी थे." उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, "अगर शहर के बीचों-बीच, जिला मजिस्ट्रेट के आवास के पास इतने बड़े व्यक्ति की हत्या हो सकती है, तो पटना में कौन सुरक्षित है?" खेमका की सादगी और समाजसेवा की भावना ने उन्हें शहर में एक सम्मानित व्यक्ति बनाया था.