Gopal Khemka murder: बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार देर रात एक दिल दहलाने वाली घटना ने शहर को हिलाकर रख दिया. गांधी मैदान थाना क्षेत्र में रात करीब 11:40 बजे प्रमुख कारोबारी गोपाल खेमका की उनके आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. खेमका जैसे ही अपनी कार से उतर रहे थे, बाइक पर सवार अज्ञात हमलावरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस हमले में खेमका को गंभीर चोटें आईं, और परिजनों ने उन्हें तुरंत निजी अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस घटना ने न केवल पटना, बल्कि पूरे बिहार में सनसनी फैला दी है.
यह हत्या इसलिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि सात साल पहले 2018 में गोपाल खेमका के बेटे की भी हाजीपुर में एक भूमि विवाद के चलते गोली मारकर हत्या की गई थी. उस घटना के बाद खेमका को सुरक्षा प्रदान की गई थी, लेकिन अप्रैल 2024 में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई. खेमका ने इसके बाद दोबारा सुरक्षा की मांग नहीं की थी. इस बार फिर उसी तरह की घटना ने खेमका परिवार को दुखों के गर्त में धकेल दिया है.
पुलिस जांच में जुटी, SIT का गठन
क्राइम सीन से पुलिस को एक गोली और एक कारतूस बरामद हुई है. फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटा रही है, और आसपास के सीसीटीवी फुटेज की गहन जांच की जा रही है. बिहार पुलिस के डीजीपी विनय कुमार ने बताया, "शुरुआती जांच में पुरानी रंजिश की आशंका सामने आ रही है. इस मामले में SIT का गठन किया गया है, इस टीम में स्पेशल टास्क फोर्स और सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट पुलिस के अधिकारी शामिल हैं. कुछ तकनीकी और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर अहम सुराग मिले हैं, जिससे जल्द ही हत्यारों तक पहुंचा जा सकता है."
सियासी हलचल और कानून व्यवस्था पर सवाल
इस हत्याकांड ने बिहार में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है, खासकर जब राज्य में चुनावी माहौल गर्म है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और शनिवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक बुलाई. उन्होंने जांच को जल्द पूरा करने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए. डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की और कहा, "यह केवल हत्या नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था को चुनौती है. जरूरत पड़ी तो अपराधियों का एनकाउंटर भी किया जाएगा."
विपक्ष का सरकार पर हमला
विपक्ष ने इस घटना को 'जंगलराज' की वापसी करार देते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़, और सांसद पप्पू यादव ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए. तेजस्वी ने कहा, "यह घटना बिहार में बढ़ते अपराध का जीता-जागता सबूत है." इस हत्याकांड ने एक बार फिर बिहार की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.