संन्यास लेने की उम्र में करियर की सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में कोहली, पिछले तीन सालों ने सबको छोड़ दिया पीछे, ये रहा सबूत

विराट कोहली को लेकर पिछले कुछ समय से चर्चा है कि वे वर्ल्ड कप 2027 में खेलेंगे या नहीं. ऐसे में वे इस उम्र में 35 साल के बाद सबसे बेहतरीन औसत के साथ रन बना रहे हैं.

BCCI (X)
Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: क्रिकेट में अक्सर कहा जाता है कि 35 साल की उम्र के बाद बल्लेबाज धीरे-धीरे पीछे छूटने लगते हैं. रिफ्लेक्स थोड़े सुस्त पड़ते हैं, बड़ा शॉट मारने में हिचकिचाहट आती है और कई दिग्गज इसी उम्र में संन्यास की राह पकड़ लेते हैं. 

हालांकि, विराट कोहली इन सारी बातों को गलत साबित कर रहे हैं. 37 साल की उम्र में भी वो जिस तरह बल्लेबाजी कर रहे हैं वो किसी युवा बल्लेबाज को भी शर्मा दे. उम्र बढ़ने के साथ उनका खेल और परिपक्व और खतरनाक होता जा रहा है.

35 के बाद कोहली का कमाल

विराट कोहली ने 5 नवंबर 2023 को 35 साल पूरे किए. उसके बाद से अब तक उन्होंने वनडे क्रिकेट में जो प्रदर्शन किया है, वो हैरान करने वाला है. कोहली ने 19 वनडे मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 60.43 की औसत के साथ 1150 से अधिक रन बनाए हैं. इस दौरान उन्होंने 5 शतक लगाए हैं.

यानी 35 के बाद उनका औसत उनके पूरे करियर के औसत 58 से भी ज्यादा है. यह अपने आप में चौंकाने वाली बात है. एकतरफ जहां युवा बल्लेबाज भी उनके आसपास नहीं ठहरते हैं. यही नहीं 35 साल की उम्र के बाद सबसे अधिक औसत के साथ रन बनाने के मामले में कोहली सबसे ऊपर हैं.

यहाँ टॉप-6 की लिस्ट है (35 साल के बाद वनडे में सबसे ज्यादा औसत)-

  • विराट कोहली (भारत)- 60.43 (19 मैच, 5 शतक)  
  • कुमार संगकारा (श्रीलंका)- 57.49 (71 मैच, 11 शतक)  
  • डेविड मलान (इंग्लैंड)- 56.55 (21 मैच, 5 शतक)  
  • मैथ्यू हेडन (ऑस्ट्रेलिया)- 54.25 (40 मैच, 5 शतक)  
  • जहीर अब्बास (पाकिस्तान)- 52.07 (33 मैच, 5 शतक)  
  • सचिन तेंदुलकर (भारत)- 49.19 (46 मैच, 7 शतक)

सचिन जैसे महान खिलाड़ी भी 35 के बाद 49 के औसत तक पहुँचे थे, जबकि कोहली अभी 60 से ऊपर चल रहे हैं. यह अंतर बताता है कि विराट इस समय किस लेवल पर खेल रहे हैं.

फिटनेस और जुनून का कमाल

कोहली की इस उम्र में भी तूफानी फॉर्म की सबसे बड़ी वजह उनकी फिटनेस है. वो आज भी मैदान पर सबसे फुर्तीले खिलाड़ियों में से एक हैं. रनिंग बिटवीन द विकेट्स, कवर ड्राइव की टाइमिंग, पुल शॉट की ताकत सब कुछ पहले जैसा ही है बल्कि उससे बेहतर लगता है.