नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एक अहम खबर सामने आई है. वनडे टीम के उपकप्तान श्रेयस अय्यर की मैदान पर वापसी फिलहाल आसान नहीं दिख रही. बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से उन्हें अभी खेलने की अनुमति नहीं मिली है. ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान लगी चोट के बाद अय्यर लगातार रिहैब प्रक्रिया से गुजर रहे हैं. हालांकि बल्लेबाजी में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन उनकी शारीरिक मजबूती अभी पूरी तरह लौट नहीं पाई है.
श्रेयस अय्यर को बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से 30 दिसंबर तक क्लियरेंस मिलने की उम्मीद थी. लेकिन अब उन्हें कम से कम एक सप्ताह और वहीं रहना होगा. बीसीसीआई की मेडिकल टीम किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती. अय्यर भारत की वनडे टीम का अहम हिस्सा हैं और बोर्ड उनकी वापसी को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में लगी पेट की चोट के बाद श्रेयस अय्यर का वजन करीब छह किलो तक घट गया था. इससे उनकी मांसपेशियों पर सीधा असर पड़ा. हालांकि उन्होंने कुछ वजन दोबारा हासिल कर लिया है, लेकिन उनकी ताकत अभी उस स्तर पर नहीं पहुंची है जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए जरूरी मानी जाती है. यही वजह है कि मेडिकल टीम उन्हें पूरी तरह फिट देखना चाहती है.
बीसीसीआई से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार अय्यर की बल्लेबाजी पूरी तरह सामान्य है और उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही. असली चिंता उनकी ताकत और फिटनेस को लेकर है. मांसपेशियों में आई कमी के कारण उनका शरीर अभी मैच के दबाव के लिए तैयार नहीं माना जा रहा. इसलिए रिटर्न टू प्ले प्रक्रिया को पूरा करना प्राथमिकता बनी हुई है.
पहले उम्मीद थी कि श्रेयस अय्यर 3 और 6 जनवरी को घरेलू मैच खेलेंगे और 11 जनवरी से शुरू होने वाली न्यूजीलैंड वनडे सीरीज के लिए उपलब्ध रहेंगे. अब उनकी क्लियरेंस 9 जनवरी के आसपास मिलने की संभावना है. ऐसे में इस सीरीज में उनका खेलना मुश्किल नजर आ रहा है. चयनकर्ता उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.
मुंबई क्रिकेट संघ के एक अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि श्रेयस अय्यर विजय हजारे ट्रॉफी के नॉकआउट मुकाबलों से वापसी कर सकते हैं, जो 12 जनवरी से शुरू होंगे. 25 दिसंबर से वह जिम, नेट अभ्यास और फिटनेस ड्रिल्स कर रहे हैं. हालांकि भारत की यह आखिरी वनडे द्विपक्षीय सीरीज हो सकती है, क्योंकि इसके बाद ध्यान टी20 वर्ल्ड कप पर जाएगा.