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धोनी पर गंभीर के बयान से श्रीसंत ने जताई असहमति, बोले- माही ने नहीं किया था अपने बैटिंग ऑर्डर का त्याग

Gautam Gambhir vs MS Dhoni: पूर्व भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत ने एमएस धोनी के बारे में अपनी राय दी है. श्रीसंत ने धोनी पर दिए गए गौतम गंभीर के बयान से इत्तेफाक नहीं जताया है. उन्होंने कहा है कि धोनी को नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने की जरूरत नहीं थी. इस मामले पर पूरी खबर यहां पढ़िए

Antriksh Singh
LIVETV

Gautam Gambhri and MS Dhoni: कुछ दिनों पहले गौतम गंभीर ने एमएस धोनी के बारे में एक पॉजिटिव बयान देकर अपने आलोचकों को चौंका दिया था. अब पूर्व भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत ने भी इसी बहस में शामिल होकर एक और चौंकाने वाला बयान दिया है. श्रीसंत ने कहा है कि धोनी के शानदार नेतृत्व में ही भारत ने 2011 में दूसरी बार सीमित ओवरों के प्रारूप में चैंपियन का खिताब जीता था.

गंभीर ने धोनी पर बयान से चौंकाया था

गंभीर कई सालों तक धोनी की टीम इंडिया का एक अभिन्न हिस्सा रहे. उन्होंने एशिया कप की कवरेज के दौरान पूर्व भारतीय कप्तान पर बात की. हालांकि इंटरनेट पर यह धारणा है कि गंभीर का हमेशा धोनी के खिलाफ कुछ न कुछ रहता है, लेकिन पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने भारतीय क्रिकेट में धोनी के महान योगदान के लिए उनकी प्रशंसा करके लोगों को चौंकाया.

गंभीर के अनुसार, धोनी अपनी कप्तानी के कारण एक बल्लेबाज के रूप में वह हासिल नहीं कर सके जो वह कर सकते थे. अगर धोनी भारत के लिए नंबर 3 की स्थिति पर बल्लेबाजी करते तो विकेटकीपर-बल्लेबाज ने कई बल्लेबाजी रिकॉर्ड तोड़ दिए होते. धोनी ने ट्रॉफी के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय रनों का त्याग किया.

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श्रीसंत ने जताई गंभीर से अहसहमति

स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए, पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज श्रीसंत ने गंभीर के बयान पर कहा कि धोनी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में फिनिशर की भूमिका को बखूबी निभाया है. श्रीसंत ने कहा, "गौतम भाई ने हाल ही में कहा था कि अगर धोनी नंबर 3 पर बल्लेबाजी करते तो उन्होंने और रन बनाए होते. लेकिन धोनी के लिए रन से ज्यादा जीत महत्वपूर्ण थी. वह हमेशा टीम की जरूरत के समय मैच खत्म करने की क्षमता रखते थे और उन्होंने दो विश्व कप भी जीते."

श्रीसंत ने आगे कहा, “धोनी को श्रेय जाना चाहिए, लेकिन उन्होंने अपने बल्लेबाजी क्रम का त्याग नहीं किया. उन्होंने यह पता लगाने के लिए एक रास्ता निकाला कि कौन खिलाड़ी किस स्थिति में टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगे और फिर उन्हें उसी स्थिति में शामिल किया. उन्हें कप्तानी में अपने खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकालने की क्षमता थी. उन्होंने हमेशा पहले टीम के बारे में सोचा है.”