17 साल बाद भारत करेगा बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप 2026 की मेजबानी, नई दिल्ली में आयोजित होगा टूर्नामेंट
भारत 17 साल बाद एक बार फिर बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप की मेजबानी करेगा. 2026 में यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट अगस्त में नई दिल्ली में आयोजित होगा. आखिरी बार भारत ने 2009 में हैदराबाद में इस आयोजन की मेजबानी की थी. पेरिस में खत्म हुए 2025 संस्करण में भारत को एकमात्र पदक सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने दिलाया.
बैडमिंटन के खेल में भारत के लिए एक बार फिर बड़ा मौका सामने आया है. बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन (BWF) ने सोमवार, 1 सितंबर 2025 को घोषणा की कि 2026 की विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन नई दिल्ली में होगा. यह भारत के लिए दूसरी बार होगा जब वह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी करेगा. 2009 में हैदराबाद ने इसकी मेजबानी की थी और अब 17 साल बाद दिल्ली इस आयोजन की गवाह बनेगी.
BWF ने पेरिस में आयोजित 2025 विश्व चैम्पियनशिप के समापन समारोह के दौरान इसकी घोषणा की. इस मौके पर BWF की अध्यक्ष खुनयिंग पटामा लिसवदत्रकुल, फ्रेंच बैडमिंटन महासंघ के अध्यक्ष फ्रैंक लॉरेंट और भारतीय बैडमिंटन संघ (BAI) के महासचिव संजय मिश्रा मौजूद थे. मिश्रा ने भरोसा दिलाया कि भारत पेरिस की तरह ही उत्कृष्टता और भव्यता का प्रदर्शन करेगा और दुनिया भर के बैडमिंटन परिवार का दिल्ली में स्वागत करेगा. यह आयोजन एशिया में चार साल बाद वापसी करेगा.
पेरिस 2025 में भारत का प्रदर्शन
हाल ही में पेरिस में समाप्त हुए विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने अपनी पदक परंपरा को जारी रखा. पुरुष युगल जोड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए एकमात्र पदक जीता. नौवीं वरीयता प्राप्त इस जोड़ी ने प्री-क्वार्टर फाइनल में चीन की जोड़ी को हराया और क्वार्टर फाइनल में ओलंपिक पदक विजेताओं को मात दी. हालांकि, सेमीफाइनल में चीन के चेन बो यांग और लियू यी के खिलाफ कड़े मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. यह उनका विश्व चैम्पियनशिप में दूसरा पदक था.
सिंधु और अन्य भारतीय खिलाड़ियों का सफर
भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने भी शानदार शुरुआत करते हुए विश्व नंबर-2 वांग झी यी को मात दी. लेकिन क्वार्टर फाइनल में इंडोनेशिया की पुत्री कुसुमा वारदानी से हारकर बाहर हो गईं. मिश्रित युगल में ध्रुव कपिला और तनिषा क्रास्टो ने बड़ा उलटफेर किया और पांचवीं वरीयता प्राप्त हांगकांग की जोड़ी को हराकर क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे. हालांकि, इसके आगे उनका सफर रुक गया. वहीं एचएस प्रणय दूसरे दौर में और लक्ष्य सेन पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गए.
भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक क्षण
नई दिल्ली में होने वाला 2026 का आयोजन भारतीय बैडमिंटन के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है. पिछले एक दशक से भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. 2011 से अब तक हर संस्करण में भारत ने पदक जीतने का सिलसिला कायम रखा है. ऐसे में घरेलू धरती पर आयोजित होने वाला यह टूर्नामेंट न सिर्फ खिलाड़ियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएगा बल्कि दर्शकों के लिए भी यादगार अनुभव लेकर आएगा.
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