मेलबर्न की पिच पर ICC ने सुनाया अपना फैसला, दो दिन में टेस्ट मैच खत्म होने के बाद बताया 'घटिया'
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला गया था. ये मैच दो दिनों में ही समाप्त हो गया था और ऐसे में आईसीसी ने इस पिच को लेकर रेटिंग दी है.
नई दिल्ली: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (MCG) पर खेला गया एशेज सीरीज का चौथा टेस्ट मैच सिर्फ दो दिनों में समाप्त हो गया. इस मैच की पिच को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने 'असंतोषजनक' करार दिया है.
इस फैसले के साथ MCG को एक डिमेरिट पॉइंट भी दिया गया है, जो अगले पांच साल तक सक्रिय रहेगा. बता दें कि दो दिनों में मैच समाप्त होने के बाद पिच की काफी आलोचना की गई थी.
मैच का रोचक लेकिन छोटा सफर
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच बॉक्सिंग डे टेस्ट के नाम से मशहूर यह मुकाबला बेहद तेज रफ्तार से आगे बढ़ा. सिर्फ 142 ओवरों में कुल 36 विकेट गिरे और कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं बना सका.
पहले दिन 20 विकेट गिरे, जबकि दूसरे दिन 16 विकेटों का पतन हुआ. पिच पर सीम गेंदबाजों को इतनी मदद मिली कि बल्लेबाजों के लिए रन बनाना मुश्किल हो गया.
इंग्लैंड ने जीता मुकाबला
इंग्लैंड ने इस मैच को चार विकेट से जीत लिया, जो उनकी ऑस्ट्रेलिया में 2011 के बाद पहली टेस्ट जीत है. हालांकि, ऑस्ट्रेलिया ने पहले तीन मैच जीतकर एशेज सीरीज पहले ही अपने नाम कर ली थी और स्कोरलाइन 3-1 हो चुकी है. सीरीज का आखिरी मैच 4 जनवरी से सिडनी में खेला जाएगा.
ICC मैच रेफरी का फैसला
ICC के एलीट पैनल के मैच रेफरी जेफ क्रो ने पिच की रिपोर्ट दी. उन्होंने कहा कि पिच गेंदबाजों के पक्ष में बहुत ज्यादा थी. बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच संतुलन नहीं बना और गेंदबाजों को विकेट लेने के बहुत ज्यादा मौके मिले. इसी वजह से पिच को 'असंतोषजनक' रेटिंग दी गई.
यह ऑस्ट्रेलिया की किसी पिच के लिए नई रेटिंग सिस्टम के तहत पहली बार ऐसा हुआ है. अगर किसी स्टेडियम को पांच साल में छह डिमेरिट पॉइंट मिल जाते हैं, तो उसे 12 महीने के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच होस्टिंग से बैन किया जा सकता है.
पिच क्यों बनी विवादास्पद?
MCG के क्यूरेटर मैट पेज ने पिच पर 10 मिलीमीटर घास छोड़ी थी, ताकि मैच पांच दिन तक चले. लेकिन ज्यादा घास की वजह से गेंद ज्यादा सीम मूवमेंट कर रही थी, जिससे विकेट जल्दी-जल्दी गिरते रहे. पहले दिन ही 20 विकेट गिरना इसकी गवाही देता है.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने भी माना कि पिच पर बल्ले और गेंद के बीच सामान्य संतुलन नहीं था. इससे दर्शकों को निराशा हुई, क्योंकि तीसरे और चौथे दिन के टिकट बेकार हो गए.