एशेज में इंग्लैंड के साथ अंपायर ने की फिर बेइमानी! जेमी स्मिथ को गलत आउट दिए जाने के बाद भड़के स्टोक्स

एशेज सीरीज का तीसरा मुकाबला एडिलेड में जारी है. इस मैच में स्निको की गलती की वजह से जेमी स्मिथ को ऑउट दे दिया गया. इसके बाद कप्तान बेन स्टोक्स ने अपना गुस्सा जाहिर किया.

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Praveen Kumar Mishra

नई दिल्ली: एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन एडिलेड में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया. इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ को स्निकोमीटर की मदद से विवादास्पद तरीके से आउट दे दिया गया. 

इससे इंग्लैंड की टीम काफी नाराज हो गई और कप्तान बेन स्टोक्स गुस्से में नजर आए. यह घटना सिर्फ एक दिन बाद हुई, जब पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स केरी को इसी तकनीक की गलती से नॉट आउट दे दिया गया था.

क्या हुआ था जेमी स्मिथ के साथ?

पैट कमिंस ने जेमी स्मिथ को एक छोटी गेंद फेंकी. स्मिथ ने पुल शॉट खेलने की कोशिश की और गेंद विकेटकीपर एलेक्स केरी के हाथों में गई. ऑन-फील्ड अंपायर ने फैसला थर्ड अंपायर के पास भेजा ताकि चेक किया जाए कि कैच साफ था या नहीं. रिप्ले में बैट और गेंद के बीच साफ फासला दिख रहा था लेकिन स्निकोमीटर पर एक स्पाइक नजर आया. 

थर्ड अंपायर क्रिस गैफनी ने इसी स्पाइक के आधार पर स्मिथ को आउट घोषित कर दिया. स्मिथ हैरान रह गए और अपना सिर हिलाते हुए पवेलियन लौटे. बेन स्टोक्स भी निराश दिखे और फैसले से सहमत नहीं लग रहे थे. कमेंटेटर्स ने कहा कि स्पाइक की टाइमिंग सही नहीं लग रही थी और तस्वीर व आवाज का मेल नहीं बैठ रहा था.

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पहले दिन की घटना ने बढ़ाया विवाद

यह विवाद नया नहीं है. मैच के पहले दिन एलेक्स कैरी को कैच आउट की अपील पर नॉट आउट दे दिया गया था, जबकि स्निको पर स्पाइक दिख रहा था. बाद में पता चला कि यह ऑपरेटर की गलती थी और स्पाइक गेंद के बैट के पास से गुजरने से पहले का था. इससे इंग्लैंड को बड़ा नुकसान हुआ क्योंकि कैरी ने इसके बाद शतक जड़ दिया.

ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी नाराज

यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भी स्निकोमीटर से खुश नहीं हैं. स्टंप माइक पर मिशेल स्टार्क की आवाज सुनी गई, जिसमें वे कह रहे थे कि "स्निको को बर्खास्त कर देना चाहिए" और यह "सबसे खराब तकनीक" है. दो दिनों में दो गलतियां होने से दोनों टीमों में असंतोष बढ़ गया है.

स्निकोमीटर पर सवाल उठे

इस सीरीज में स्निकोमीटर की विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं. डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) में इस्तेमाल होने वाली यह तकनीक संदेह दूर करने के लिए है लेकिन यहां यह खुद संदेह पैदा कर रही है.