'अगर ऐसा हुआ तो...,' चैंपियंस ट्रॉफी में अपने परिवार को भी साथ ले जाना चाहते थे खिलाड़ी, BCCI ने लगा दी फटकार

Champions Trophy 2025: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए एक कड़ा दिशा-निर्देश जारी किया है. इस नियमावली के तहत, लंबे दौरे (45 दिन या उससे अधिक) पर ही खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की अनुमति होगी, वह भी केवल दो हफ्तों के लिए.

@BCCI
Praveen Kumar Mishra

Champions Trophy 2025: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में खिलाड़ियों के लिए एक कड़ा दिशा-निर्देश जारी किया है. इस नियमावली के तहत, लंबे दौरे (45 दिन या उससे अधिक) पर ही खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की अनुमति होगी, वह भी केवल दो हफ्तों के लिए. लेकिन 2025 में होने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के लिए यह नियम और सख्त है. क्योंकि यह टूर्नामेंट मात्र 20 दिनों का है, इसलिए इस दौरान खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की इजाजत नहीं दी गई है.

खिलाड़ी ने जताई इच्छा, मिला साफ इनकार

हाल ही में एक वरिष्ठ भारतीय खिलाड़ी ने BCCI से इस टूर्नामेंट में अपने परिवार को साथ ले जाने की अनुमति मांगी थी. लेकिन बोर्ड ने इसे साफ तौर पर खारिज कर दिया. BCCI के एक सूत्र ने बताया, "जब तक कोई नया फैसला नहीं होता, खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की इजाजत नहीं होगी. एक वरिष्ठ खिलाड़ी ने इस संबंध में पूछताछ की थी, लेकिन उसे स्पष्ट रूप से नीति का पालन करने के लिए कह दिया गया."

अपवाद के लिए खुद उठाने होंगे खर्चा

हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में अपवाद की संभावना जरूर है, लेकिन इसकी कीमत खिलाड़ियों को खुद चुकानी होगी. अगर कोई खिलाड़ी अपने परिवार को साथ ले जाना चाहता है, तो उसे अपने खर्चे पर यह सुविधा लेनी होगी. BCCI का इस पर स्पष्ट कहना है कि बोर्ड ऐसे किसी खर्च को वहन नहीं करेगा.

BCCI का साफ संदेश

BCCI ने अपने रुख को दोहराते हुए कहा, "हम अपने फैसले को लेकर पूरी तरह स्पष्ट हैं. अगर किसी खिलाड़ी को अपवादस्वरूप परिवार को ले जाने की अनुमति मिलती भी है, तो उसे खुद ही खर्च वहन करना होगा. फिलहाल, चैंपियंस ट्रॉफी में खिलाड़ियों के परिवार उनके साथ नहीं जा रहे हैं."

इस सख्त नियम के बाद, खिलाड़ियों की उम्मीदों को झटका लगा है. वे अपने व्यस्त क्रिकेट शेड्यूल के बीच परिवार के साथ समय बिताना चाहते थे, लेकिन BCCI की सख्ती ने उनकी इस इच्छा पर पानी फेर दिया है. अब देखना होगा कि आगामी समय में बोर्ड इस नीति में कोई बदलाव करता है या नहीं.