Gautam Gambhir की आलोचना सहन नही कर पाए ये दो खिलाड़ी, खुलेआम भारतीय टीम के कोच का किया समर्थन, हो गया बवाल

Gautam Gambhir: मनोज तिवारी ने कहा था कि गंभीर झूठे हैं और वे मुंबई के लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं. इसके बाद अब नीतीश राणा और हर्षित राणा गंभीर के समर्थन में उतर आए हैं और तिवारी को करारा जवाब दिया है.

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Praveen Kumar Mishra

Gautam Gambhir: भारत के तेज गेंदबाज हर्षित राणा मुख्य कोच गौतम गंभीर की आलोचना के बीच उनके समर्थन में सामने आए हैं . गंभीर को हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की 1-3 टेस्ट सीरीज़ की हार के बाद आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है.

गंभीर का कार्यकाल भारत के श्रीलंका दौरे से शुरू हुआ. टी20 प्रारूप में भारत की स्थिति मजबूत थी, लेकिन वनडे सीरीज में कहानी अलग थी. पहला एकदिवसीय मैच रोमांचक तरीके से ड्रा होने के बाद भारत अगले दो मैच हार गया और 27 वर्षों के बाद श्रीलंका के खिलाफ इस प्रारूप में पहली द्विपक्षीय श्रृंखला में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद से ही उनके कोचिंग में खराब दौर शुरू हुआ और इसके बाद भारत के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने गंभीर की आलोचना की और अब उनके समर्थन में दो खिलड़ी उतर आए हैं.

मनोज तिवारी ने की थी आलोचना

तिवारी ने न्यूज़18 बांग्ला से कहा, "गौतम गंभीर झूठे हैं. वह जो कहते हैं, वह करते नहीं हैं. टीम के कप्तान कहाँ से हैं? मुंबई से. अभिषेक नायर कहाँ से हैं? मुंबई से. उन्हें मुंबई के खिलाड़ी को आगे रखने का मौका मिला. जलज सक्सेना के लिए बोलने वाला कोई नहीं है. वह अच्छा प्रदर्शन करता है, लेकिन सभी चुह रहते हैं."

नीतीश राणा और हर्षित राणा गंभीर के समर्थन में उतरे

हर्षित ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर गंभीर की एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "व्यक्तिगत असुरक्षा के कारण किसी की आलोचना करना अच्छा नहीं है. गौती भैया ऐसे व्यक्ति हैं जो खुद से ज्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं. जब खिलाड़ी नीचे होते हैं तो वह हमेशा उनका समर्थन करते हैं और जब चीजें हमारे अनुकूल होती हैं तो उन्हें सुर्खियों में लाते हैं. उन्होंने कई मौकों पर यह दिखाया है. उन्हें इस बात का बहुत ज्ञान है कि खेल को अपने पक्ष में कैसे मोड़ना है."

इसके अलावा नीतीश राणा ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि "आलोचना तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए, व्यक्तिगत असुरक्षाओं पर नहीं. गौती भैया उन सबसे निस्वार्थ खिलाड़ियों में से एक हैं जिन्हें मैंने कभी देखा है. वह संकट के समय में किसी अन्य की तरह जिम्मेदारी उठाते है.  प्रदर्शन को किसी पीआर की जरूरत नहीं होती. ट्रॉफी खुद ही सब कुछ बयां कर देती हैं."