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शतरंज की नई 'जादूगरनी', भारतीय मूल 10 साल की बोधना शिवानंदन बनीं सबसे कम उम्र की चेस मास्टर

बोधना ने ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराया तो कमेंटेटर ने आश्चर्यचकित होकर कहा, यह लड़की जरूर कोई जादूगरनी है आखिर उसने यह जीत कैसे हासिल की. बोधना की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी खिलाड़ी कैरिसा यिप का 2019 का रिकॉर्ड तोड़ा जो 10 साल, छह महीने की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनी थीं.

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Gyanendra Sharma

Bodhana Shivanandan: भारतीय मूल की ब्रिटिश नागरिक बोधना शिवानंदन ने मात्र 10 साल की उम्र में शतरंज की दुनिया में तहलका मचा दिया है. उन्होंने 2025 ब्रिटिश शतरंज चैंपियनशिप के अंतिम दौर में 60 वर्षीय अनुभवी ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराकर दुनिया की सबसे कम उम्र की महिला इंटरनेशनल मास्टर बनने का गौरव हासिल किया. इस जीत के साथ बोधना ने न केवल इतिहास रचा, बल्कि ग्रैंडमास्टर के प्रतिष्ठित खिताब से अब केवल एक कदम दूर रह गई हैं.

हैरो की इस छोटी सी शतरंज सनसनी ने अपनी बुद्धिमत्ता और रणनीतिक कौशल से सभी को हैरान कर दिया. पिछले हफ्ते जब बोधना ने ग्रैंडमास्टर पीटर वेल्स को हराया तो कमेंटेटर ने आश्चर्यचकित होकर कहा, यह लड़की जरूर कोई जादूगरनी है आखिर उसने यह जीत कैसे हासिल की. बोधना की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी खिलाड़ी कैरिसा यिप का 2019 का रिकॉर्ड तोड़ा जो 10 साल, छह महीने की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनी थीं. बोधना ने 10 साल पांच महीने और तीन दिन की उम्र में यह खिताब अपने नाम किया.

चेस ओलंपियाड में किया था कमाल

बोधना की उपलब्धियां यहीं नहीं रुकतीं. पिछले साल 2024 में उन्होंने हंगरी में आयोजित चेस ओलंपियाड में इंग्लैंड की महिला टीम का प्रतिनिधित्व कर एक और रिकॉर्ड बनाया था. वह किसी भी खेल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं. 

बोधना का यह सफर प्रेरणादायक है. इतनी कम उम्र में वह न केवल अपने से कहीं अधिक अनुभवी खिलाड़ियों को चुनौती दे रही हैं, बल्कि अपने शांत और आत्मविश्वास भरे खेल से दुनिया भर के शतरंज प्रेमियों का दिल जीत रही हैं. शतरंज की दुनिया में बोधना शिवानंदन का नाम अब एक उभरते सितारे के रूप में गूंज रहा है.