दुनिया पर फिर टूटेगा कोविड जैसे वायरस का कहर! WHO ने जारी की इन्फ्लूएंजा एच3एन2 के महामारी बनने की चेतावनी
डब्ल्यूएचओ ने तेजी से बदल रहे इन्फ्लूएंजा एच3एन2 स्ट्रेन पर वैश्विक अलर्ट जारी किया है, जिसमें महामारी बनने की क्षमता देखी जा रही है. कई क्षेत्रों में मामलों की तेज बढ़ोतरी के बीच निगरानी और टीकाकरण पर जोर बढ़ाया गया है.
दुनियाभर में बढ़ती फ्लू गतिविधि के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक नया रूप ले रहे इन्फ्लूएंजा स्ट्रेन को लेकर चिंता जताई है. एच3एन2 वायरस के जे.2.4.1 सब-टाइप में तेजी से बदलाव देखे गए हैं, जो संक्रमण के फैलाव को और चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं. उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध में असामान्य रूप से लंबी और जल्दी शुरू हुए फ्लू सीजन ने वैज्ञानिकों की सतर्कता बढ़ा दी है. हालांकि, शुरुआती आंकड़े गंभीरता में बढ़ोतरी नहीं दिखा रहे, लेकिन स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है.
तेजी से बदलता वायरस और डब्ल्यूएचओ की चेतावनी
डब्ल्यूएचओ के अनुसार हाल के महीनों में मौसमी फ्लू के मामलों में तेज उछाल दर्ज हुआ है, जिसमें एच3एन2 वायरस की हिस्सेदारी बढ़ी है. वायरस के भीतर आए नए जेनेटिक बदलाव इसे एक अलग दिशा में विकसित होते दिखा रहे हैं. संगठन ने कहा कि यह बदलाव “महामारी की क्षमता” वाले संकेत दे रहे हैं.
उत्तरी गोलार्ध में जल्दी बढ़ी फ्लू गतिविधि
उत्तरी गोलार्ध में कई देशों ने इस बार फ्लू सीजन की असामान्य रूप से जल्दी शुरुआत दर्ज की है. कुछ देशों में संक्रमण अभी महामारी स्तर तक नहीं पहुंचा है, लेकिन लगातार बढ़ती गतिविधि विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय बन रही है.
दक्षिणी गोलार्ध में लंबा चला फ्लू सीजन
दक्षिणी गोलार्ध के कई देशों में इस साल फ्लू सीजन सामान्य से अधिक लंबा चला, जिससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर अतिरिक्त दबाव पड़ा. संक्रमण की इस विस्तारित अवधि ने वैश्विक निगरानी की जरूरत को और बढ़ा दिया है.
टीके अभी भी दे रहे सुरक्षा, लेकिन सावधानी जरूरी
शुरुआती आंकड़ों के अनुसार मौजूदा टीका अस्पताल जाने से बचाव प्रदान कर रहा है. बच्चों और वयस्कों दोनों में यह सुरक्षा प्रभावी दिखी है, हालांकि हल्के लक्षणों वाले मामलों पर प्रभाव स्पष्ट नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि बदलते स्ट्रेनों के बावजूद टीके अत्यंत आवश्यक हैं.
वैश्विक निगरानी और 10-बिंदुओं की तैयारी योजना
डब्ल्यूएचओ की ग्लोबल इन्फ्लूएंजा सर्विलांस सिस्टम 131 देशों की 160 संस्थाओं को जोड़कर नई वायरस गतिविधियों पर नजर रखती है. महामारी-स्तर की तैयारी के लिए संगठन ने दस-बिंदु योजना जारी की है, जिसमें बेहतर लैब क्षमता, एंटीवायरल निगरानी, उच्च-जोखिम समूहों में टीकाकरण बढ़ाने और देशों को तकनीकी सहायता देने जैसे कदम शामिल हैं.