पोप फ्रांसिस के शव के साथ अब क्या किया जाएगा? जानें अंतिम यात्रा की AtoZ डिटेल्स
रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें गुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. जिसके बाद उनके अंतिम दर्शन की तैयारी शुरू हो गई है. परंपरा के मुताबिक देश भर में अगले 9 दिनों के लिए शोक सभा आयोजित की जाएगी. आइए जानते हैं क्या कहता है नियम?
Pope Francis: ईसाई धर्म के सबसे बड़े धर्म गुरु, रोमन कैथोलिक चर्च के 266वें पोप फ्रांसिस का सोमवार को 88 साल की उम्र में निधन हो गया. 2013 से उन्होंने इस पद को संभाला है. अपने अपने पोपीय कार्यकाल के दौरान कैथोलिक चर्च का मार्गदर्शन करते रहा है.
देश भर में 20 अप्रैल को ईस्टर संडे मनाया गया. इस मौके पर वे काफी दिनों के बाद सार्वजनिक स्थल पर पहुंचे. उन्होंने बीते दिन ही अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से मुलाकात की थी. वेंस आज भारत दौरे पर पहुंचे हैं.
क्या कहती है परंपरा?
पोप फ्रांसिस की मृत्यु से वेटिकन में शोक की लहर है. इम मौके पर कई पवित्र, समय-सम्मानित प्रक्रियाओं की जाएगी. यह प्रक्रियाएं दशकों से चली आ रही परंपराओं पर आधारित हैं. जिसे अलग-अलग चरणों में पूरा किया जाएगा. इन प्रक्रियाओं में कई विधियां और अनुष्ठान शामिल होते हैं. पोप के निधन की आधिकारिक घोषणा के तुरंत बाद, वेटिकन के अधिकारी उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हैं. जिसकी जिम्मेदारी आमतौर पर वेटिकन के स्वास्थ्य विभाग और कैमरलेंगो पर आती है. कार्यवाहक को मृत्यु की पुष्टि करने और प्रारंभिक व्यवस्थाओं की देखरेख करने का काम सौंपा जाता है. पुष्टि पूरी होने के बाद, पोप के पार्थिव शरीर को उनके निजी चैपल में ले जाने की प्रथा है. जहां पर शव को सफेद कसाक पहनाए जाते हैं और जस्ता-पंक्तिबद्ध लकड़ी के ताबूत में रखा जाएगा.
नौ दिनों तक पूरे देश में शोक
इसके बाद पोप के आधिकारिक हस्ताक्षर जिसे आमतौर पर मछुआरे की अंगूठी के रूप में जाना जाता है, उनको अनुष्ठानपूर्वक तोड़ा जाता है. ऐतिहासिक रूप से, कैमरलेंगो अंगूठी को कुचलने के लिए एक विशेष हथौड़े का उपयोग करते हैं. प्रारंभिक पुष्टि और औपचारिक तैयारियों के बाद, वेटिकन संभवतः नौ दिनों की शोक अवधि की घोषणा कर सकता है. जो की एक परंपरा है. जिसे नोवेंडियाल के रूप में जाना जाता है. इसके अलावा इटली में राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया जा सकता है. इन नौ दिनों के दौरान, विभिन्न सेवाएं और स्मारक आयोजित किए जाएंगे, जिससे कैथोलिक पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी जाएगी और उनके निधन पर शोक मनाया जाएगा. इस अवधि की के दौरान सबसे ज्यादा मार्मिक घटना संभवतः पोप के शरीर का सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाना हो सकता है. पहले की परंपराओं से हटकर, शव को किसी ऊंचे मंच या कैटाफाल्क पर नहीं रखा जाएगा, बल्कि उम्मीद है कि ताबूत में ही रखा जा सकता है.