menu-icon
India Daily

जेलेंस्की की बढ़ीं मुश्किलें, भ्रष्टाचार के लगे आरोप, जा सकती है यूक्रेन राष्ट्रपति की कुर्सी

यूक्रेन में बड़ा राजनीतिक भूचाल तब आया जब राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के करीबी और पूर्व कारोबारी साझेदार तिमुर मिंडिच पर सरकारी परमाणु कंपनी से 100 मिलियन डॉलर की हेराफेरी के गंभीर आरोप लगे.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
President Zelensky faces corruption charges
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: रूस के साथ जारी युद्ध ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की को वैश्विक मंच पर साहस और नेतृत्व की मिसाल के रूप में स्थापित किया था. लेकिन इसी दौर में उनके नजदीकी सहयोगियों पर उठे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों ने देश की राजनीति में एक नया भूचाल ला दिया है. युद्ध से जूझते यूक्रेन में यह विवाद न केवल सरकार की साख पर सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि घरेलू राजनीतिक समीकरणों को भी तेजी से बदल रहा है.

जांच एजेंसियों द्वारा जेलेंस्की के पुराने कारोबारी साझेदार तिमुर मिंडिच पर बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी के आरोप लगाए जाने के बाद मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्वरूप भी ले लिया है. युद्ध के बीच उभरता यह भ्रष्टाचार संकट पश्चिमी देशों में चिंता बढ़ा रहा है, क्योंकि वे यूक्रेन को भारी आर्थिक और सैन्य सहायता प्रदान कर रहे हैं

तिमुर मिंडिच पर संगीन आरोप

यूक्रेन के भ्रष्टाचार निरोधक जांचकर्ताओं ने दावा किया है कि जेलेंस्की के कारोबारी सहयोगी तिमुर मिंडिच के नेतृत्व वाले आपराधिक नेटवर्क ने सरकारी परमाणु ऊर्जा कंपनी में 10 करोड़ डॉलर की हेराफेरी की. जांच में सामने आया कि संगठन बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी और वित्तीय अपराधों में शामिल रहा. मामला सार्वजनिक होने से पहले ही मिंडिच देश छोड़कर फरार हो गया, जिससे संदेह और गहरा गया.

क्वारतल 95 कनेक्शन

मिंडिच वही व्यक्ति हैं जो जेलेंस्की द्वारा स्थापित लोकप्रिय कॉमेडी स्टूडियो ‘क्वारतल 95’ के मालिक हैं. यह संबंध पूरे विवाद को और गंभीर बना देता है. आरोप है कि परमाणु ऊर्जा कंपनी से जुड़े ठेकों में 10 से 15 प्रतिशत की रिश्वत ली जाती थी और वर्षों तक यह तंत्र बिना रोक-टोक चलता रहा. भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने बताया कि यही रिश्वतखोरी इस घोटाले का मूल आधार बनी.

विपक्ष का हमला और इस्तीफे

मुख्य विपक्षी पार्टी यूरोपियन सॉलिडेरिटी ने जेलेंस्की के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है. दबाव बढ़ने के बाद जेलेंस्की के निर्देश पर सरकार के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया. साथ ही प्रधानमंत्री से तिमुर मिंडिच पर सख्त प्रतिबंध लगाने की अपील की गई है. विपक्ष का आरोप है कि सरकार इस घोटाले को दबाने की कोशिश कर रही थी.

जांच एजेंसी के खुलासों से हड़कंप

यूक्रेन की स्वतंत्र जांच एजेंसी-नेशनल एंटी-करप्शन ब्यूरो-ने वायरटैप रिकॉर्डिंग और वीडियो सबूत सार्वजनिक कर भ्रष्टाचार के कई नए पहलू उजागर किए हैं. एजेंसी ने धीरे-धीरे कई रिकॉर्डिंग इंटरनेट पर जारी कीं, जिनसे जनता में भारी आक्रोश फैल गया. हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और कड़ी कार्रवाई की मांग की.

अंतरराष्ट्रीय दबाव और जेलेंस्की की प्रतिक्रिया

जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों ने यूक्रेन से भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की अपील की है. उन्हें आशंका है कि ऐसे आरोप पश्चिमी समर्थन को कमजोर कर सकते हैं. हालांकि, जेलेंस्की ने कहा है कि वे सभी जांचों का पूर्ण समर्थन करते हैं. उन पर पहले जांच एजेंसियों की स्वतंत्रता सीमित करने के आरोप लगे थे, लेकिन जनदबाव के बाद उन्होंने अपना रुख नरम किया.