तुर्की ने बनाया दुनिया का पहला बिना पायलट वाला लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मारकर उड़ाता है दुश्मन के परखच्चे
तुर्किये के बिना पायलट वाले फाइटर जेट ‘किजिलेल्मा’ ने पहली बार बीवीआर मिसाइल से जेट-पावर्ड विमान को मार गिराया. यह उपलब्धि इसे दुनिया का पहला UAV बनाती है जिसने एयर-टू-एयर कॉम्बैट क्षमता साबित की.
तुर्किये के अत्याधुनिक मानवरहित फाइटर जेट ‘बेयराकटार किजिलेल्मा’ ने हथियार परीक्षणों के दौरान ऐसा कारनामा किया, जिसने वैश्विक रक्षा जगत का ध्यान अपनी ओर खींच लिया. इस UAV ने स्थानीय तकनीक से बनी गोकडोगन एयर-टू-एयर मिसाइल दागकर एक तेज-रफ्तार जेट टारगेट को सटीकता से निशाना बनाया. यह उपलब्धि इसलिए और अहम है क्योंकि यह पहली बार है जब किसी मानवरहित विमान ने बीवीआर मिसाइल का सफलतापूर्वक उपयोग करते हुए हवाई मुकाबले की क्षमता साबित की है.
नई उपलब्धि का ऐतिहासिक महत्व
बेकार (Baykar) कंपनी के अनुसार, किजिलेल्मा ने टारगेट को एसेलसन के मुराद AESA रडार से पहचानने और ट्रैक करने के बाद मिसाइल दागी. यह तुर्की एविएशन इतिहास का पहला मौका था जब किसी राष्ट्रीय विमान ने घरेलू मिसाइल और रडार की मदद से हवाई लक्ष्य को साधा.
दुनिया का पहला UAV बना किजिलेल्मा
परीक्षण के बाद बेकार ने कहा कि किजिलेल्माअब दुनिया का पहला और एकमात्र ऐसा अनक्रूड प्लेटफॉर्म है, जिसकी एयर-टू-एयर कॉम्बैट क्षमता प्रमाणित हो चुकी है. यह उपलब्धि आधुनिक युद्ध तकनीक में मानवरहित प्रणालियों के भविष्य को मजबूत करती है.
छिपकर दुश्मन को पकड़ने की क्षमता
किजिलेल्मा का लो-रडार क्रॉस-सेक्शन और उन्नत सेंसर इसे दूर से ही दुश्मन विमान का पता लगाने में सक्षम बनाते हैं. इसकी स्टील्थ क्षमता इसे रडार पर लगभग अदृश्य रखती है, जिससे यह दुश्मन पर रणनीतिक बढ़त हासिल करता है.
घरेलू तकनीक से लैस हथियार प्रणाली
यह UAV मुराद AESA रडार, टोयगुन टारगेटिंग सिस्टम और कई घरेलू हथियारों को साथ लेकर उड़ान भरता है. पिछले परीक्षणों में भी किजिलेल्माने तौलुन और तेबर-82 म्यूनिशन का सफलतापूर्वक इस्तेमाल करते हुए सीधे हिट किए थे.