'ट्रंप की टैरिफ धमकियों से नहीं डरते...,' 50 दिनों वाले अमेरिकी अल्टीमेटम पर रूस की प्रतिक्रिया
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रूस पर दबाव बढ़ाने का यह कदम यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है. हालांकि, रूस ने इस धमकी को खारिज कर दिया है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक द्वंद्व जारी रहेगा.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस पर दबाव बढ़ा दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर रूस 50 दिनों के भीतर यूक्रेन पर हमले बंद नहीं करता, तो अमेरिका उसकी अर्थव्यवस्था पर भारी टैरिफ लगाएगा. लेकिन रूस ने इस धमकी को सिरे से खारिज कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने इस चेतावनी को खारिज करते हुए कहा, “हम किसी भी तरह के अटीमेटम को स्वीकार नहीं करते.” उन्होंने सरकारी समाचार एजेंसी TASS से बातचीत करते हुए कहा कि रूस अपनी नीति पर कायम रहेगा और किसी भी बाहरी दबाव के सामने नहीं झुकेगा. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी ट्रंप की टिपणी को "गंभीर" बताया और कहा कि मास्को इसे विस्तार से समझने की कोशिश करेगा.
ट्रंप का बयान
ट्रंप ने यह बयान व्हाइट हाउस में नाटो महासचिव मार्क रुटे के साथ एक बैठक के दौरान दिया. ट्रंप ने कहा, “अगर 50 दिन में कोई समझौता नहीं होता है तो हम रूस पर 100% तक के कड़े टैरिफ लगाएंगे.” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि यूक्रेन को हथियारों की एक नई खेप भेजी जाएगी, जिसमें Patriot एयर डिफेंस सिस्टम शामिल होगा. हालांकि, ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका इसके लिए भुगतान नहीं करेगा, बल्कि यह अन्य देशों पर असर डालेगा.
'सेकेंडरी टैरिफ' और उसके प्रभाव
ट्रंप की योजना में ‘सेकेंडरी टैरिफ’ का भी उल्लेख है, जिसका मतलब है उन देशों पर टैक्स लगाना जो रूस से तेल और गैस खरीदते हैं, जैसे कि चीन और भारत. यह वही योजना है जिसे अमेरिकी कांग्रेस में पेश किए गए द्विदलीय बिल में भी शामिल किया गया है, जिसमें इन देशों पर 500% तक के टैरिफ लगाने की सिफारिश की गई है. अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटकनिक ने कहा कि ट्रंप के पास टैरिफ और प्रतिबंध दोनों विकल्प हैं, और वह इनमें से कोई भी लागू कर सकते हैं.
चीन की प्रतिक्रिया
चीन ने अमेरिका की आलोचना करते हुए इसे “लॉग-आर्म जुरिसडिक्शन” (दबाव बनाने वाली नीति) बताया. चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका को बीजिंग और मास्को के बीच ऊर्जा संबंधों में दखल नहीं देना चाहिए. इस बीच, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मुलाकात भी हुई, जिसमें दोनों देशों ने द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा करने पर सहमति जताई.
रूस का रुख
रूस ने ट्रंप के बयान के बाद साफ कर दिया है कि वह किसी प्रकार की धमकी या दबाव में नहीं आएगा. रयाबकोव ने कहा कि रूस डिप्लोमैटिक बातचीत को प्राथमिकता देगा, लेकिन उसे पश्चिम से “लोहे जैसे ठोस आश्वासन” चाहिए, खासकर इस बात पर कि यूक्रेन नाटो का हिस्सा नहीं बनेगा.
यूक्रेनी राष्ट्रपति की प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की ने सोमवार को X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि उन्होंने ट्रंप से फोन पर बात की और नई सैन्य मदद और शांति वार्ता पर चर्चा की. ज़ेलेन्स्की ने कहा, “हम हरसंभव उपयुक्त तरीके से शांति स्थापित करने के लिए तैयार हैं.”