घर में बक्से में छिपा कर रखे थे 9 लोगों के कटे सिर, बदबू न आने के लिए किया ये 'खौफनाक इस्तेमाल', ऐसे खुला राज

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जापान में ताकाहिरो शिराइशी के घर के आसपास छिपाए गए मानव अवशेषों की गंध को छिपाने के लिए बिल्ली के कूड़े का इस्तेमाल किया गया था. यह घटना एक दुष्ट पिता द्वारा अपनी 5 साल की बेटी को पेशाब करने के कारण मार डालने और महीनों तक उसके शरीर के अंगों को अपने साथ रखने के बाद हुई है.

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Mayank Tiwari

जापान में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां के जामा शहर में पुलिस ने एक रोंगटे खड़े कर देने वाली खोज की, जब एक शख्स के अपार्टमेंट में रेड के दौरान नौ लोगों के शवों के टुकड़े फ्रिजर बक्सों में मिले. यह खुलासा एक पीड़ित के भाई की सूचना पर हुआ, जिसने अपनी बहन और हत्यारे ताकाहिरो शिराइशी के बीच सोशल मीडिया पर मैसेज देखे.

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, जापान के कनागावा प्रांत के जामा में 2017 में गिरफ्तार किए गए शिराइशी ने ट्विटर (अब एक्स) पर आत्मघाती विचार व्यक्त करने वाली "मानसिक रूप से कमजोर" महिलाओं को निशाना बनाया. जापान के न्याय मंत्री केसुके सुजुकी ने कहा, “उसने इन अपराधों को अपनी यौन और पैसों की इच्छाओं को संतुष्ट करने के लिए अंजाम दिया.” शिराइशी ने इन महिलाओं को आत्महत्या में मदद का झांसा देकर अपने अपार्टमेंट में बुलाया, जो टोक्यो से लगभग 20 मील दूर था. वहां उसने उन्हें पीटा, गला घोंटा, हत्या की, लूट लिया और उनके शवों के टुकड़े-टुकड़े कर दिए.

पीड़ितों में 8 लड़कियां और एक पुरुष का शव बरामद 

इस मामले में पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आठ महिलाओं के अलावा, एक पुरुष का शव भी मिला है, जो एक पीड़ित लड़की का प्रेमी था. शिराइशी ने उसे अपने अपराध छिपाने के लिए उनको मार डाला. बताया जा रहा है कि, पीड़ितों में 15 से 26 वर्ष की तीन किशोरियां भी शामिल थीं, जिनका उसने यौन शोषण किया.

उनमें से एक, मारी गई लड़कियों में से एक का प्रेमी था, जिसे उसने चुप कराने और अधिकारियों को अपनी साजिश का पता चलने से रोकने के लिए मार डाला. इस दौरान आरोपी ने शवों की गंध छिपाने के लिए उसने बिल्ली के कूड़े का इस्तेमाल किया.

ट्विटर किलर को मिली फांसी

2020 में शिराइशी ने सभी नौ हत्याओं को स्वीकार किया और उसे मृत्युदंड सुनाया गया. मार्च 2025 में, 34 वर्षीय शिराइशी को टोक्यो डिटेंशन हाउस में फांसी दी गई, जो 2022 के बाद जापान की पहली फांसी थी. सुजुकी ने कहा, “इन जघन्य अपराधों के लिए सावधानीपूर्वक विचार के बाद फांसी को मंजूरी दी गई.” कैदियों को कुछ घंटों का या कोई पूर्व सूचना नहीं दी जाती, और उनके परिवारों को भी कोई जानकारी नहीं मिलती.

वहीं, जापान और अमेरिका ही जी-7 के दो ऐसे देश हैं जो अभी भी मौत की सज़ा का इस्तेमाल करते हैं और शिराइशी को फांसी देने के फ़ैसले की यूरोपीय संघ ने निंदा की थी.