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गाजा में अब तक 40 हजार मौतें, बच्चे, महिलाओं और बुजुर्गों का नरसंहार, कतर में शांति वार्ता, इजरायल को इस जंग से हासिल क्या हुआ?

इजरायल और हमास के बीच छिड़ी जंग के 11 महीने बीत चुके हैं. 7 अक्टूबर को जब हमास ने अचानक सैकड़ों मिसाइल इजरायल पर दागे थे, उसके जवाब में इजरायली डिफेंस फोर्स ने जो किया, उसे दुनिया कभी नहीं भूल पाएगी. 11 महीने पहले, गाजा एक आबाद शहर था, अब वहां सिर्फ खंडहर बचे हैं, मकान, दुकान और अस्पताल जमींदोज हो चुके हैं, यह शहर, हजारों लोगों की कब्रगाह बन गया है.

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इजरायल और हमास के बीच 11 महीनों से चल रही जंग में अब तक 40,000 लोगों की मौत हो चुकी है. इस जंग में हजारों महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की मौत हुई है. जंग से ऐसी भयावह तस्वीरें सामने आईं, जिन्हें देखकर आपकी रूह कांप जाएगी. अमेरिका का कहना है कि इजरायल और हमास की जंग के बीच शांति वार्ता चल रही है. इस शांति वार्ता का मकसद सिर्फ इजरायल और हमास के बीच जंग को रोकना है. यह वार्ता शुक्रवार को भी जारी रहेगी. 

इजरायल हमास के बीच चल रही शांति वार्ता में बंधकों की सुरक्षित रिहाई का मुद्दा भी उठ सकता है. उम्मीद की जा रही है कि वैश्विक दबावों के बाद कोई हल निकल सकता है. इस जंग में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौतों का आकंड़ा डराने वाला है. अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अमेरिका, कतर और मिस्र के प्रतिनिधि इजरायली डेलीगेशन से मुलाकात करेंगे. 10 महीने में ही 40,000 लोग मारे जा चुके हैं. 

क्या गाजा में बहाल हो जाएगी शांति?

फिलिस्तीनी अधिकारी ने कहा है कि इस बैठक में हमास हिस्सा नहीं लेगा. कतर में मौजूद बड़े अधिकारी इस बात के लिए तैयार हैं कि जो भी मध्यस्थ कहेंगे, वे करेंगे. अगर हमास और इजरायल में बात बनती है तो गाजा में शांति कायम हो सकती है. अभी ऐसे आसार नहीं लग रहे हैं. 

बैठक में दबाव बन सकता है कि हिजबुल्लाह, इजरायल से बदला न ले और एयर स्ट्राइक न करे. हिजबुल्लाह का टॉप कमांडर मारा जा चुका है. इजरायल ने तेहरान में घुसकर हमास के चीफ इस्माइल हानिया को मारा है. ऐसे में ईरान ने भी इजरायल पर आंखें तरेरी है. 

मध्यस्थ भी नहीं सुलझा पा रहे हैं ये जंग, इजरायल को क्या हुआ हासिल?

मध्यस्थ लगातार इजरायल-हमास जंग को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं. तीन चरणों में बात-चीत की है लेकिन कोई हल नहीं निकला है. हमास पर इजरायली बंधकों को रिहा करने का दबाव बन रहा है लेकिन किसी समझौते पर पहुंचना अभी मुश्किल है. इजरायल को इस जंग में कुछ ऐसा हासिल नहीं हुआ है, जिसे वह अपनी सफलता मान सके. हमास कमजोर हुआ तो हिजबुल्लाह सक्रिय हो गया. तब एक दुश्मन थे, अब हिजबुल्लाह, हमास और ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स तीनों हैं. ईरान का साफ बैकअप है. इजरायल ने गाजा में आम इंसानों को मिटा डाला है, हमास का अस्तित्व है. शांति वार्ता समाधान है, जो मानने के  इजरायल और हमास, दोनों तैयार नहीं हो रहे हैं.

बंधकों की रिहाई, सीज फायर, क्या हैं वे मसले जिनका हल है जरूरी

कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मजीद-अल-अंसारी ने कहा है कि शुक्रवार को भी एक बार वार्ता शुरू होगी. कतर की न्यूज एजेंसी ने कहा है कि मध्यस्थ लगातार इस बात की कोशिश कर रहे हैं कि गाजा में शांति हो, इसके लिए हमास पर बंधकों को रिहा करने का दबाव भी बनाया जा रहा है. इजरायल पर जंग रोकने का दबाव बनाया जा रहा है. वैश्विक दबावों का कोई असर पड़ेगा या नहीं, ये तो बाद की बात है लेकिन मध्य पूर्व में ऐसे हालात हैं कि ये जंग अभी थमेगी नहीं.